नई दिल्ली॥ वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर वित्त मंत्रालय ने राजस्व में कमी को लेकर चालू वित्त वर्ष में राज्यों को उनके अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद |जीएसडीपी| के दो प्रतिशत के बराबर और उधार लेने के बारे में राज्यों को पत्र लिखा है।
वहीं केंद्र सरकार द्वारा घोषित वृहद पैकज के तहत राज्यों की कर सीमा |जीएसडीपी| के तीन से बढ़ा कर पांच प्रतिशत कर दी गयी है।
बता दे की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की थी। उन्होंने पैकेज की घोषणा करते हुए बताया था कि केंद्र सरकार ने 2020-21 के लिये राज्यों के उधार लेने की सीमा को तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने की मांग को स्वीकार कर लिया है।
इससे राज्यों को अतिरिक्त 4.28 लाख करोड़ रुपये प्राप्त होंगे॥
हालांकि उन्होंने तब कहा था कि यह अतिरिक्त उधार राज्यों को कुछ तय सुधार करने पर ही प्राप्त होंगे। इन सुधारों में एक देश, एक राशन कार्ड को अपनाना, कारोबार सुगमता, बिजली वितरण और स्थानीय शहरी निकायों के राजस्व से जुड़े हैं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति का समर्थन करने के प्रयास में व्यय विभाग ने अनुमानित |जीएसडीपी| के दो प्रतिशत के अतिरिक्त उधार के लिये सभी राज्य सरकारों को एक पत्र जारी किया गया है।