वाराणसी। नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाकर जिले के 28 प्रभारी चिकित्साधिकारीयों ने जो इस्तीफ़ा दिया था वह वापस ले लिया गया है। बुधवार की शाम जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.वीबी सिंह ने पीएमएचएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ वार्ता कर उनके समस्याओं को सुना और पदाधिकारियों की समझाते हुए कहा कि इस समय कोरोना महामारी की संकट की घड़ी है । ऐसे में सभी को मिलजुलकर मनोयोग से कार्य करने की बेहद आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में कार्य की अधिकता को देख सभी पीएचसी पर लोड कम करने के लिए पिछले चार-पांच दिन में विशेष प्रयास किए गए हैं । इस बातचीत के उपरांत सभी प्रभारियों ने एक मत होकर अपना कार्य सुचारू रूप से करने पर सहमति जताई। तत्पश्चात यह पूरा प्रकरण समाप्त हो गया।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सीएचसी व पीएचसी के प्रभारी चिकित्सकों के कार्य में सहूलियत देने हेतू नये दिशा निर्देश जारी करते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त जिस भी विभाग के अधिकारी स्वास्थ विभाग की सहायता के लिए लगाए गए हैं वे सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ ही समन्वय करके कार्य पूर्ण करेंगे, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से कार्य कराने का दायित्व तथा उन पर नियंत्रण केवल मुख्य चिकित्सा अधिकारी का ही रहेगा।
भविष्य में इन सब की बैठक करने व निर्देश जारी करने का दायित्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी ही निभाएंगे। अन्य विभाग के अधिकारियों का दायित्व एडिशनल सीएमओ तथा उनकी टीम को सपोर्ट करना तथा डाटा फीडिंग, प्लानिंग करने में मदद करने का रहेगा।
भविष्य में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अलावा किसी अन्य अधिकारी द्वारा सीधे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों को निर्देश जारी करने के लिए मना कर दिया गया है, इन सबके लिए एडिशनल सीएमओ या सीएमओ ही अधिकृत होंगे।
गत तीन-चार दिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का कार्यभार कम करने के वृहद प्रयास किए गए हैं। 102 नई अध्यापकों की टीम बनाई गई हैं, जो कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य करेंगे इससे सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को कांटेक्ट ट्रेसिंग कराने का कार्य सुगम हुआ है।
30 नई लैब टेक्नीशियन की टीम बनाकर सैंपल की गति बढ़ाई गई है इससे पूर्व केवल एक टीम प्रति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कार्यरत थी जिससे सैंपलिंग समय पर पूर्ण होने में दिक्कत आ रही थी अब यह कार्य भी समय से पूर्ण होगा।
डाटा फीड करने के लिए शहर की ऐसी 15 ऐसे स्वास्थ्य केंद्र जिनके ऊपर ज्यादा कार्य का बोझ है व जहां ज्यादा पॉजिटिव केस आए हैं, उनको अतिरिक्त डाटा एंट्री ऑपरेटर कॉन्ट्रैक्ट पर रखकर उपलब्ध कराए गए हैं इससे उनकी डाटा एंट्री तेज होगी। इसके साथ ही मेडिकल डॉक्टर भी प्रत्येक पीएचसी पर बढ़ाए गए हैं ताकि सर्विलांस से ढूंढे गए लोगो का इलाज जल्दी हो सके।
ये सब व्यवस्थाएं सभी पीएचसी प्रभारियों को प्रतिदिन जल्दी कार्य पूरा करने और कार्य का भार कम करने के लिए की गई है जिनसे उनकी प्रगति बढ़ेगी।
उपरोक्त गठित 4 टीमों से कांटेक्ट ट्रेसिंग, सैंपलिंग, डेटा फीडिंग तथा ट्रीटमेंट कराने के कार्य का पर्यवेक्षण संबंधित एसीएमओ करेंगे तथा अन्य विभागीय अधिकारी इसमें केवल सपोर्ट का रोल निभाएंगे। सीएमओ इस हेतु कार्य आवंटन आदेश पूर्व में ही जारी कर चुके है। जिलाधिकारी के अनुसार वार्ता और दिशा निर्देश मिलने के उपरांत सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी सर्वसहमति से अपना-अपना कार्य पूर्व की भांति कर रहे हैं। तथा प्रकरण समाप्त हो गया है।