श्रीनगर। पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर घोषणा’ की घोषणा के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह एक राष्ट्र-विरोधी जमात नहीं है, हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के अधिकारों को बहाल किया जाए। हमें धर्म के नाम पर विभाजित करने के प्रयास विफल होंगे। यह धार्मिक लड़ाई नहीं है। नेशनल कांफ्रेंस |नेकां| के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि हाल ही में गठित ‘‘पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेयरेशन’’ पीएजीडी |PAGD| एक भाजपा विरोधी मंच है न कि देश विरोधी। उन्होंने कहा, मैं आपको बताना चाहता हूं कि भाजपा द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि पीएजीडी एक देश विरोधी मंच है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यह सच नहीं है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह भाजपा विरोधी है लेकिन यह देश विरोधी नहीं है।
पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेयरेशन|PAGD| इस गठबंधन का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला करेंगे और प्रतिद्वंद्वी महबूबा मुफ्ती उनकी डिप्टी होंगी। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने से पहले इस्तेमाल में लाए जा रहे झंडे का इस्तेमाल सभी प्रमुख क्षेत्रीय दलों द्वारा बनाए गए गठबंधन द्वारा किया जाएगा। इस गठबंधन का उद्देश्य कश्मीर की धारा 370 हटाए जाने से पहले की स्थिति और विशेष दर्जे को बहाल करना है।
पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेयरेशन|PAGD| जम्मू कश्मीर की पार्टियों का एक गठबंधन है जिसने पिछले साल गुप्कर घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के दशकों पुराने विशेष दर्जे और धारा 370 को खत्म कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया था।
83 वर्षीय नेशनल कांफ्रेंस के नेता अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से समूह का अध्यक्ष बनाया गया, जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती इसकी उपाध्यक्ष होंगी। वामपंथी नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी गठबंधन के संयोजक हैं, जबकि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस” के सजाद लोन को प्रवक्ता नामित किया गया है।
महागठबंधन बनाने के लिए सालों से चली आ रही कड़वाहट को भुलाने वाले नेताओं ने शनिवार को गठबंधन के गठन के बाद पहली बार महबूबा मुफ्ती के आवास पर मुलाकात की।
बैठक के बाद सजाद लोन ने संवाददाताओं से कहा कि यह गठबंधन अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए के बाद, पिछले एक साल में जम्मू कश्मीर में चल रहे शासन पर एक महीने में श्वेत पत्र लाएगा। उन्होंने कहा, यह श्वेत पत्र शब्दों की बुनावट नहीं होगा। यह जम्मू कश्मीर और देश के लोगों के सामने असलियत पेश करने के लिए तथ्यों एवं आंकड़ों पर आधारित होगा…. एक धारणा बनायी जा रही है कि केवल जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार हुआ था।