लखनऊ। साल के आख़िरी महिने एक दिसंबर से व्यावसायिक वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट जरूरी हो गए हैं। वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होने से आरटीओ दफ्तर में गाड़ियों से जुड़े लगभग सभी काम रुक जाएंगे। शासन ने एक अप्रैल 2019 से पहले खरीदे गए वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया था। शासन से दी गई मियाद सोमवार को समाप्त हो गई।
पुराने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अब चरणबद्ध तरीके से लगवाई जा सकेंगी। एक दिसंबर से वाहन पर हाई सिक्योरिटी प्लेट नहीं लगे होने पर सिर्फ परिवहन विभाग से गाड़ी ट्रांसफर, फिटनेस टेस्ट, एनओसी लेने जैसे कामकाज नहीं होंगे। चालान एक मार्च 2021 के बाद से ही कटना शुरू होंगे।
परिवहन विभाग के शासनादेश के मुताबिक, सबसे पहले हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट 2005 तक पंजीकृत वाहनों में लगवाई जाएंगी। इसके बाद 2005 से 2010 के बीच और उसके बाद 2010 से 2015 व 2015 से 2019 के बीच पंजीकृत वाहनों में लगवाई जाएंगी।
कुल मिलाकर पांच-पांच वर्षों के हिसाब से शासन ने स्लैब तैयार किए हैं। हर स्लैब के वाहनों के लिए अलग-अलग समय सीमा निर्धारित की है। शासनादेश में साफ है कि एक दिसंबर के बाद बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगे वाहनों का आरटीओ में ट्रांसफर, फिटनेस का काम नहीं होगा।
शेवरले, मित्सुबिसी, डेबू, मटीज जैसी वाहन निर्माता कंपनी अब भारत से अपना कारोबार समेट चुकी हैं। इसके चलते इनके डीलर भी नहीं रहे। जबकि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाहन जिस कंपनी का है, उसी के अधिकृत डीलर के पास लगनी है। इन कंपनियों के वाहनों के लिए दूसरे डीलरों और वेंडरों को अतिरिक्त जिम्मेदारी देने पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल इन कंपनियों के वाहनों को नंबर प्लेट के नियमों के दायरे से अलग रखा जाएगा।
पहली बार में पांच और दूसरी बार में 10 हजार का जुर्माना॥
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के चालान को लेकर आरटीओ प्रवर्तन ने बताया कि इसके उल्लंघन पर पहली बार में 5 हजार व दूसरी बार पकड़े जाने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना होगा।
कौन से वाहन कब तक लगवा सकते हैं हाई सिक्योरिटी प्लेट॥
1 अप्रैल 2005 से पहले पंजीकृत वाहन 31 मार्च 2021 तक लगवा सकते हैं। (केवल व्यावसायिक वाहन)
1 अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2010 के बीच पंजीकृत वाहन 31 मई 2021 तक लगवा सकते हैं।
1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2015 के बीच पंजीकृत वाहन 31 जुलाई 2021 तक लगवा सकते हैं।
1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2019 के बीच पंजीकृत वाहन 30 सितंबर 2021 तक लगवा सकते हैं।
मैक्स, टाटा 407 आदि ऐसे मालवाहक वाहन जिनका माल व वाहन का वजन 7500 किलोग्राम निर्धारित है। उनको 28 फरवरी 2021 तक का समय हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए दिया गया है। इस तिथि के बाद उनके चालान कटना शुरू हो जाएगा।
एआरटीओ (प्रशासन) अनिल कुमार सिंह ने बताया कि पुराने वाहनों में हाई सिक्योरिटी प्लेट आसानी से उपलब्ध कराने को अब वेंडरों को भी जिम्मेदारी दे दी गई है। एक दिसंबर से आरटीओ संबंधी कार्य पुराने वाहनों के नहीं हो सकेंगे। आगरा में 15 साल पुराने वाहनों की नंबर प्लेट केवल व्यावसायिक वाहनों में ही लग सकेगी।
इससे सबसे अधिक मुश्किल व्यावसायिक वाहन स्वामियों के सामने खड़ी होगी। प्रयागराज में 15 लाख से अधिक वाहन हैं। इनमें 13 लाख से अधिक वाहनों में तय तारीख तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगा। शासन ने 15 अक्तूबर तक ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का समय दिया था लेकिन लोगों की सहूलियत के लिए अवधि 30 नवंबर तक बढ़ाई गई।
व्यावसायिक वाहनों की बढ़ेगी मुश्किल॥
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बगैर व्यावसायिक वाहनों के आवागमन में मुश्किल होगी। ट्रक, बस, छोटे सवारी वाहनों के लिए परमिट, मासिक टैक्स जमा नहीं होंगे। नए नंबर प्लेट के बगैर जो भी बंदिशें लागू होंगी, उसका सीधा प्रभाव व्यावसायिक वाहनों पर होगा।
अब हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगे ही गाडिय़ों का कोई काम नहीं होगा॥
नई सभी प्राइवेट गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाए जा रहे हैं। साढ़े सात टन से अधिक वजन वाले गाडिय़ों में भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का आदेश हो चुका है। पुरानी गाडिय़ों में 30 नवंबर तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का आदेश था। अब बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगे गाडिय़ों का कोई काम नहीं होगा।
आरटीओ दफ्तर में ये काम नहीं होंगे॥
सभी तरह के परमिट पर रोक।
वाहनों का पता परिवर्तन।
पुराने वाहनों की बिक्री।
अनापत्ति प्रमाण पत्र।
वाहनों का ट्रांसफर।
वाहनों का पंजीकरण नवीनीकरण।
ईएमआई वाले वाहनों का निस्तारण।
मासिक टैक्स।
ग़ौरतलब है कि, शासन ने परिवहन विभाग को 30 नवंबर तक अंतिम मोहलत दी थी। वहीं, अक्टूबर माह में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाने पर चार दिन तक गाडिय़ों से जुड़ा कोई काम नहीं हुआ था। गाड़ी मालिकों के हंगामा करने और विरोध देख शासन ने आनन-फानन में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की अवधि बढ़ाई थी। शासन से कोई आदेश नहीं से परिवहन अधिकारी भी काफी परेशान है, उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि मंगलवार से कैसे काम किया जाएगा।
बता दे कि, शासन ने पहले दिसंबर तक सभी गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने को कहा था। बाद में शासन ने आदेश में संशोधन करते हुए 15 अक्टूबर तक कर दिया। कहा कि जिन गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगे हों, उन गाडिय़ों का कार्यालय में कोई काम नहीं किया जाए। इसके चलते गाडिय़ों का ट्रांसफर, पंजीयन नवीकरण, डुप्लीकेट आरसी, एनओसी, दूसरे जिले की गाडिय़ां कार्यालय में दर्ज नहीं हो रही थी। पूरे प्रदेश में वाहन स्वामियों का विरोध शुरू होते ही आनन-फानन में लखनऊ में अधिकारियों की बैठक बुलाई गई। बैठक में तय हुआ कि अचानक सभी गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगना संभव नहीं है, ऐसे में गाड़ी मालिकों को और मोहलत दी जाए। साथ ही परिवहन अधिकारियों को चेतावनी देते हुए निर्देश दिया है कि, जिले में अभियान चलाकर गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाया जाए।
पुरानी गाडिय़ों में कैसे से लगे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट॥
नई गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाए जा रहे हैं। पुरानी गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट कैसे लगेंगे इसको लेकर अभी तक विभाग ने कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई है। वहीं, कुछ लोग पुरानी गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना चाह रहे हैं लेकिन उन्हेंं कोई विकल्प दिखाई नहीं दे रहा है।