नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार तक चलने वाली 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट कहा कि हम सही रास्ते पर हैं, हमारी नीयत साफ है और नीति स्पष्ट है। ऐसा माना जा रहा है कि आंदोलन कर रहे किसानों को ही पीएम मोदी ने यह संदेश दिया है।
आपको बता दें कि, दिल्ली की सीमा पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को एक महीना से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। किसान अपनी मांग पर अभी भी अड़े हुए हैं। किसानों और सरकार के बीच अगले दौर की तारीख भी सामने आ चुकी है। इसी बीच पीएम मोदी ने 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट कहा कि हम सही रास्ते पर हैं, हमारी नीयत साफ है और नीति स्पष्ट है। ऐसा माना जा रहा है कि आंदोलन कर रहे किसानों को ही पीएम मोदी ने यह संदेश दिया है।
पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ये मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हम सही रास्ते पर हैं, हमारी नीयत साफ है और नीति स्पष्ट है। शुरुआत में किसान रेल साप्ताहिक थी, कुछ ही दिनों में ऐसी रेल की मांग इतनी बढ़ गई कि अब सप्ताह में तीन दिन ये रेल चलानी पड़ रही है। सोचिए इतने कम समय में 100वीं किसान रेल, ये कोई साधारण बात नहीं है। ये स्पष्ट है संदेश है कि देश का किसान क्या चाहता है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि ये काम किसानों की सेवा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। ये इस बात का भी प्रमाण है कि हमारे किसान नई संभावनाओं के लिए कितनी तेजी से तैयार हैं। किसान, दूसरे राज्यों में भी अपनी फसलें बेच सकें, उसमें किसान रेल और कृषि उड़ान की बड़ी भूमिका है। मुझे बहुत संतोष है कि देश के पूर्वोत्तर के किसानों को कृषि उड़ान से लाभ होना शुरू हो गया है. किसान रेल से किसानों को लाभ मिल रहा है और खर्च भी कम हो रहे हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि किसान रेल सेवा, देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में भी एक बहुत बड़ा कदम है. इससे खेती से जुड़ी अर्थव्वस्था में बड़ा बदलाव आएगा। इससे देश की कोल्ड सप्लाई चेन की ताकत भी बढ़ेगी। किसान रेल चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज भी है। यानि इसमें फल हो, सब्ज़ी हो, दूध हो, मछली हो, यानि जो भी जल्दी खराब होने वाली चीजें हैं, वो पूरी सुरक्षा के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रही।
किसान रेल के फायदे गिनाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब किसान रेल जैसी सुविधा से पश्चिम बंगाल के लाखों छोटे किसानों को एक बहुत बड़ा विकल्प मिला है। और ये विकल्प किसान के साथ ही स्थानीय छोटे-छोटे व्यापारी को भी मिला है. वो किसान से ज्यादा दाम में ज्यादा माल खरीदकर किसान रेल के ज़रिए दूसरे राज्यों में बेच सकते हैं. कृषि से जुड़े एक्सपर्ट्स और दुनिया भर के अनुभवों और नई टेक्नॉलॉजी का भारतीय कृषि में समावेश किया जा रहा है। स्टोरेज से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर हो या फिर खेती उत्पादों में वैल्यू एडिशन से जुड़े प्रोसेसिंग उद्योग, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि पीएम कृषि संपदा योजना के तहत मेगा फूड पार्क्स, कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर, ऐसे करीब साढ़े 6 हजार प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं। जिसमें से अनेक प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं और लाखों किसान परिवारों को उसका लाभ मिल रहा है। आत्मनिर्भर अभियान पैकेज के तहत माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्योगों के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक इस रेल गाड़ी में कई तरह के फल एवं सब्जियों को लादकर भेजा जा रहा है। इसमें फूलगोभी, बंद गोभी, शिमला मिर्च, मिर्च और प्याज के अलावा अंगूर, संतरा, केला, अनार और अन्य फल लादे गये हैं।
बयान के मुताबिक रेलगाड़ी जिन स्टेशनों पर रुकेगी, वहां सभी तरह की कृषि उपज को चढ़ाने-उतारने की सुविधा होगी और इसके जरिए सामान भेजने के लिए मात्रा की कोई शर्त नहीं है।
गौरतलब है कि, पहली किसान रेल की शुरुआत सात अगस्त को महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर तक की गई थी, जिसे बाद में मुजफ्फरपुर तक बढ़ाया गया। किसानों की अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद इसके फेरों की संख्या सप्ताह में एक दिन से बढ़ाकर सप्ताह में तीन दिन कर दी गई। बयान के मुताबिक, ‘‘किसान रेल ने देश भर में कृषि उपज का तेजी से परिवहन सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका निभाई है। इसने कृषि उपज के लिए निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला मुहैया कराई है।