Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/u812455012/domains/thehintmedia.com/public_html/wp-content/plugins/newsmax-core/includes/core.php on line 212
CityThe हिन्ट काशीVaranasi CrimeVaranasi news

Three arrested including 15 tonnes of banned Thai Mangur fish in UP’s Varanasi: यूपी- 15 टन प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली सहित तीन गिरफ्तार, पश्चिम बंगाल से ले जा रहे थे हापुड़।

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले मे स्थित डाफी टोल प्लाजा पर मंगलवार की रात लंका थाने की पुलिस ने चेकिंग के दौरान पश्चिम बंगाल से हापुड़ जा रहे ट्रक से 15 टन प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली बरामद की। पुलिस ने ट्रक चालक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की सूचना पर मत्स्य और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद राजस्व विभाग के कर्मचारियों के देखरेख में जेबीसी से एक बड़ा गढ्ढा खोद कर मछलियों को मिट्टी के नीचे दबा दिया गया।

वही इस मामले मे लंका इंस्पेक्टर महेश पांडेय ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक ट्रक से प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली पश्चिम बंगाल से हापुड़ ले जाई जा रही है। इस सूचना के आधार पर डाफी टोल प्लाजा पर चेकिंग शुरू कराई गई। ट्रक से प्रतिबंधित मछ्ली के साथ पश्चिम बंगाल के ही रहने वाले दीपचंद्र व सपन और पंजाब निवासी चालक रेशम सिंह को गिरफ्तार किया गया है।

पूछताछ में तीनों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में यह मछली न के बराबर बिकती है। हापुड़ और उसके अगल-बगल के जिलों में प्रति टन डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा कीमत की दर से बिक जाती है। गौरतलब है कि बीते साल भी मुख्तार अंसारी गिरोह से जुड़े आठ लोगों से थाई मांगुर मछली बरामद कर उनके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई थी।

थाई मांगुर क्यों है प्रतिबंधित॥

मत्स्य विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविन्द्र प्रसाद के अनुसार, थाई मांगुर मछली मांसाहारी होती है। इस मछली की खासियत यह है कि जिस नदी या तालाब में रहती है वहां के पानी में पलने वाले अन्य जीवों को खा जाती हैं और पानी की वनस्पतियों को भी नष्ट कर देती है। मनुष्य के सेहत के लिए यह मछली स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होती है। इसके कारण लिवर, स्कीन, किडनी और कैंसर जैसी बीमारियां होने का खतरा रहता है। भारत सरकार ने वर्ष 2000 में इसको प्रतिबंधित किया था। इसको पालना और बेचना प्रतिबंधित है।

इनसे हो सकता था बड़ा नुकसान॥

मत्स्य विभाग के अधिकारी रविन्द्र प्रसाद के अनुसार थाई मांगुर के बच्चे अभी 100 ग्राम के ही थे जिनकी संख्या इतनी ज्यादा थी कि उसे सैकड़ों तालाबो में छोड़ा जाता तो देसी मछलियों को भी नुकसान होता। इसे कम कम 300 रुपये किलो बेचा जाता जिसकी कीमत 40 लाख से ज्यादा की थी।

Admin
the authorAdmin