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Republic Day 2021- Parade culminates with Rafale carrying out a ‘Vertical Charlie’: 72वें गणतंत्र दिवस- राजपथ पर दिखी देश की ताकत और संस्कृति की झलक, राज्यों की झलकियों के साथ राफेल रहा मुख्य आकर्षण।

नई दिल्ली। भारत आज अपने 72वें गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा है। इस मौके पर दिल्ली के राजपथ पर परेड निकली। जहां भारत ने अपनी शक्ति दुनिया के सामने दिखाई। अलग-अलग राज्यों की झलकियों के साथ देश की सेना की ताकत यहां दिखाई दी। साथ ही पहली बार राफेल लड़ाकू विमान ने अपना दम दुनिया के सामने परेड में दिखाया।

परेड से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के अध्यक्ष भी रहे। इसके बाद उन्होंने राजपथ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया। राजपथ पर भारत ने परेड के जरिए दुनिया को अपनी शक्ति की झलक दिखाई। अलग-अलग राज्यों की झांकियों के जरिए विभिन्नता में एकता की झलक दिखी।

भारतीय सेना की तरफ से कैप्टन प्रीति चौधरी अकेली ऐसी अधिकारी रहीं जिन्होंने इस साल परेड में हिस्सा लिया। इसके अलावा बांग्लादेश की सैन्य टुकड़ी ने राजपथ पर मार्च किया।इस दौरान भावना कांत गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनी।

झांकी में कोरोना वैक्सीन के साथ-साथ राम मंदिर की झलक भी देखने को मिली। कोरोना के मद्देनजर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए यह आयोजन हुआ। इसके चलते केवल 25,000 लोगों को राजपथ पर समारोह देखने आ सके। आम तौर पर हर साल होने वाले इस आयोजन में एक लाख से अधिक दर्शक शामिल होते हैं। परेड की लंबाई भी छोटी रही लाल किले तक मार्च करने के बजाय राष्ट्रीय स्टेडियम में परेड का समापन हुआ। मोटरसाइकिल स्टंट भी देखने को नहीं मिला।

खास जामनगर की पगड़ी पहने हुए थे पीएम मोदी॥

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां उनका स्वागत किया। इसके बाद वह राजपथ पहुंचे और परेड का गवाह बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी आज । इस तरह की पहली ‘पगड़ी’ पीएम को जामनगर के शाही परिवार ने उपहार में दी थी।

उन्होंने इंडिया गेट पर नेशनल वॉर मेमोरियल में सेरेमोनियल बुक पर हस्ताक्षर किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत , चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाने और चीफ ऑफ नेवी स्टाफ एममिरल करमबीर सिंह भी मौजूद रहे।

परेड में नही था कोई मुख्य अतिथि॥

परंपरा के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राजपथ पहुंचकर तिरंगा फहराया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ और 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके बाद परेड की शुरुआत हुई। बता दें कि इस बार परेड में कोई मुख्य अतिथि नहीं था। कोरोना महामारी के कारण ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने अपनी यात्रा रद कर दी। इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में भी गणतंत्र दिवस परेड के लिए कोई मुख्य अतिथि नहीं था।

राफेल विमान के फ्लाईपास्ट से परेड का समापन॥

राफेल विमान के फ्लाईपास्ट से परेड का समापन हुआ। इसने आसमान में 900 किमी/घंटा की रफ्तार से वर्टिकल चर्ली का फर्मेशन किया। इसे शौर्य चक्र विजेता ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने उड़ाया। उनके साथ 17 स्कवाड्रन के कामंडिंग ऑफिसर स्कवाड्रन लीडर किसलयकांत मौजूद रहे। इससे पहल राफेल ने एकलव्य फॉर्मेशन की अगुवाई की।

राफेल के साथ दो जगुआर, दो मिग-29 लड़ाकू विमान हैं। इस फॉर्मेशन का नेतृत्व 17 स्क्वाड्रन के कैप्टन रोहित कटारिया ने की। विमानों ने 780 किमी/ प्रति घंटा की रफ्तार से 300 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरी। फ्लाइ पास्ट की शुरुआत एक डकोटा वायुयान, दो Mi-17 हेलिकॉप्टरों के रूद्र फॉरमेशन के साथ हुई। बता दें कि 1947 में शत्रुओं को सीमा से बाहर खदेड़ने में इसने बड़ी भूमिका निभाई थी।

कोरोना वैक्सीन की इलक॥

आत्मनिर्भर भारत अभियान थीम के साथ जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने अपनी झांकी में विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से कोरोना वैक्सीन के विकास की प्रक्रिया को दर्शाया। सशस्त्र बलों की झांकी के अलावा, 17 झांकियां विभिन्न राज्यों ने प्रस्तुत की। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों / विभागों की नौ झांकियां और अर्धसैनिक बलों और रक्षा मंत्रालय की छह झांकियों ने लोगों का मन मोहा।

पंजाब की झांकी में 9 वें सिख गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर की महिमा को दर्शाई गई। झांकी की थीम ‘श्री गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती’ थी।

राजपथ पर उत्तराखंड की झांकी में केदारनाथ मंदिर व राज्य पशु-कस्तूरी मृग की झलक देखने का मिली।

अयोध्या- उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की थीम पर बनाई गई उत्तर प्रदेश की झांकी में राम मंदिर की झलक दिखाई दी। इसमें अयोध्या का दिपोत्सव भी दिखाया गया।

राजपथ पर गुजरात राज्य की झांकी में मोढेरा के सूर्य मंदिर को दर्शाया गया।

गणतंत्र दिवस परेड में सांस्कृतिक झांकियों के प्रदर्शन में लद्दाख सबसे आगे रहा। यह इस केंद्र शासित प्रदेश की पहली झांकी है। इसमें लद्दाख की संस्कृति और सांप्रदायिक सद्भाव को दर्शाया गया। झांकी की थीम-भविष्य का विजन है।

गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर 841 रॉकेट रेजिमेंट (पिनाका) के पिनाका मल्टी लॉन्चर रॉकेट सिस्टम का नेतृत्व कैप्टन विभोर गुलाटी ने किया। 214 mm पिनाका MBRL दुनिया की सबसे एडवांस रॉकेट सिस्टम में से एक है।

राजपथ पर मार्च करती राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की एक टुकड़ी। इन्हें ब्लैक कैट कमांडो के तौर पर भी जाना जाता है। 1984 में बल का गठन हुआ था।

राजपथ पर मार्च करता केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल बैंड का दस्ता। इंस्पेक्टर शमशेर लाल बैंड का नेतृत्व किया।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर मार्चिंग दस्ता गढ़वाल राइफल्स का नेतृत्व 17 वीं बटालियन के कैप्टन राजपूत सौरभ सिंह ने किया।

राजपथ पर दिखी वायुसेना की झांकी। इस झांकी की थीम भारतीय वायुसेना शान से आकाश को छूते हुए है।

राजपथ पर डिप्टी कमांडेंट घनश्याम सिंह की कमान में सीमा सुरक्षा बल का ऊंट दस्ता।

राजपथ पर वायुसेना बैंड का दस्ता। वारंट ऑफिसर अशोक कुमार बैंड दस्ते का नेतृत्व किया।

राजपथ पर नौसेना की झांकी। इस झांकी की थीम-स्वर्णिम विजय वर्ष था। इसमें 1971 में नौसेना के कराची बंदरगाह पर हमले को दर्शाया गया ।

गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ पर मार्च करता नौसेना के ब्रास बैंड का दस्ता।

गणतंत्र दिवस के मौके पर परमवीर चक्र विजेता और अशोक चक्र विजेता राजपथ पर परेड किया।

बांग्लादेशी आर्मी के दस्ते ने परेड में लिया हिस्सा॥

गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ पर बांग्लादेशी आर्मी के दस्ते ने मार्च किया। इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अबू मोहम्मद शाहनूर शवन ने किया। 122 सदस्यीय मजबूत दल पहली बार परेड में भाग लिया। बता दें कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष मना रहा है। इस युद्ध के बाद ही बांग्लादेश अस्तित्व में आया था।

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