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150 Million Years Old Nodules Found In Up Made Of Calcium Carbon Collected In Cell: यूपी के सोनभद्र में मिला 150 करोड़ वर्ष प्राचीन नोड्यूल, कार्बन के सेल में एकत्रित होने के कारण निर्मित हुवा कैल्शियम।

सोनभद्र। पुरातात्विक, सांस्कृतिक प्राकृतिक स्थलों से भरपूर उत्तर प्रदेश का सोनभद्र की धरती भूगर्भ एवं आदिकालीन जीवन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। यहां पर भू-वैज्ञानिकों ने 150 करोड़ वर्ष पुराने नोड्यूल की खोज की है जो लाखों करोड़ों वर्ष धरती पर जीवन के विकास, भूगर्भीय परिवर्तनों के अध्ययन के दृष्टिकोण से मील का पत्थर साबित होगा। यह खोज और इसके शोध परिणाम भू विज्ञान के क्षेत्र में नवीन कीर्तिमान करेंगे।

वहीं बीरबल साहनी पुरातत्व विज्ञान संस्थान लखनऊ के भू-वैज्ञानिक प्रो. मुकुंद शर्मा के अनुसार नोड्यूल (गोल प्रस्तर खंड) सोनभद्र के समीपवर्ती राज्य मध्य प्रदेश और बिहार में अब तक पाये जा चुके हैं। इसी श्रृंखला में सोनभद्र के घोरावल तहसील के शिल्पी गांव के बरवाडीह (कुडवा नाला) में विविध संरचनाओं वाले तीन सेंटीमीटर डायग्राम से लेकर 18 इंच डायग्राम तक के नोड्यूल काले, भूरे व लाल रंग में पाए गए हैं।

नोड्यूल का निर्माण कैल्शियम कार्बन के सेल में एकत्रित होने के कारण निर्मित हुआ है और यह भू तात्विक प्रक्रिया आज से लगभग 150 करोड़ वर्ष पूर्व आरंभ हुई होगी। भूगर्भ विज्ञान में इन नोड्यूल्स को रोहतास लाइम स्टोन के नाम से जाना जाता है, जो बरवाडीह में शैल के भीतर दबे हुए हैं।

नोड्यूल्स में मिनरल ऑर्गेनिक की मात्रा ज्यादा॥

प्रो. मुकुंद शर्मा के अनुसार नोड्यूल में मिनरल ऑर्गेनिक की मात्रा अधिक होने से काला, कम होने से भूरा रंग और जब नोड्यूल से आयरन युक्त पानी गुजरा तब नोड्यूल का रंग लाल और पीला हुआ होगा। सभी नोड्यूल का अभिलेखीकरण, मापन, एकत्रीकरण, फोटोग्राफी का कार्य किया गया है। शोध परीक्षण के बाद उत्साहजनक परिणाम आने की संभावना है। इससे हम पृथ्वी के निर्माण, संरचना, जीवों के विकास आदि विषयों पर गूढ़ व महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

भू-विज्ञान के क्षेत्र में स्थापित होगा नया कीर्तिमान॥

इसके परिणाम से भू विज्ञान के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित होगा, जिससे आने वाले शोधार्थियों को नई दिशा मिल सकेगी। प्रो. शर्मा ने कहा कि इन नोड्यूल्स के नमूनों पर संस्थान में रिसर्च करने पर काफी महत्वपूर्ण परिणाम आने की उम्मीद है। भविष्य में भूवैज्ञानिकों का एक दल सोनभद्र में शोध अध्ययन के लिए आएगा और इन पर व्यापक स्तर पर शोध किया जाएगा। शोधकर्ताओं के दल में विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट के निदेशक दीपक कुमार केसरवानी, शोध छात्रा दिव्या सिंह, प्रद्युम सिंह, मार्गदर्शक के रुप में अंजनी चौबे, दिनेश सिंह, लाल मोहम्मद, पकौड़ी लाल रहे।

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