नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन नऐ कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक टेंट में शनिवार सुबह 10 बजे अचानक आग लग गई। राहत की बात यह रही कि इस दौरान दमकल की गाड़ियों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया और कोई बड़ा नुकसान होने से बच गया। इस घटना में एक किसान हल्का-सा झुलस गया लेकिन किसी को गंभीर चोट नहीं आई।
वही इस संबंध मे संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को कहा कि दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर एक तंबू में आग लग गई, जहां किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी सुखविंदर सिंह ने कहा कि घटना सुबह 10 बजे के करीब एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर के पास हुई, जहाँ तम्बू लगाया गया था। हालांकि, पुलिस या दमकल विभाग की ओर से इस घटना बारे में कोई आधिकारिक बात नहीं कही गई है। आंदोलन का नेतृत्व करने वाले इस मोर्चे ने कहा कि तम्बू पूरी तरह से जल गया है।
एसकेएम ने दावा किया कि आग को बुझाने की कोशिश के दौरान एक व्यक्ति घायल भी हो गया। एक सिलेंडर में आग लगने के बाद तम्बू जल गया। संगठन ने कहा कि टेंट में जब आग लगी, तब उसके अंदर लगभग 10 से 12 लोग मौजूद थे। आग में पांच मोबाइल फोन, बीस गद्दे, 20 कुर्सियां और सूखा राशन जल गया।
टेंट के अंदर रखा सामान जलकर राख॥
सिंघु बॉर्डर पर सुबह 10 बजे किसान आंदोलन में 8 नंबर ट्रेन के पुल के ऊपर बैठे पंजाब के एक किसान दुग्गल सिंह, जो कि जिला पटियाला से इस आंदोलन में पहुंचे हैं, के टेंट के पास रखे सिलेंडर में आग लगने के कारण टेंट में आग लग गई। जिस समय इस टेंट में आग लगी उसमें करीब 10-12 लोग थे। देखते ही देखते इस हादसे में पूरा टेंट जल कर राख हो गया। आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके चलते टेंट के अंदर रखे कपड़े, गद्दे, मोबाइल फोन, कुर्सियां और खाने का कच्चा राशन जलकर राख हो गया।
आग बुझाने में हल्का-सा झुलसा किसान॥
राहत की बात यह रही कि वक्त रहते सभी लोग टेंट से बाहर निकल गए और घटना में किसी तरह की जनहानि होने से बच गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आग बुझाने के कारण एक किसान हल्का-सा झुलस गया, लेकिन कोई गंभीर चोट नहीं आई। सुबह समय साढ़े 10 बजे फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी ने टेंट में लगी आग पर काबू पा लिया। इसके बाद जिस टेंट में आग लगी थी, उसे वहां से हटा दिया गया। बता दें कि किसान पिछले साल नवंबर से ही यहां कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि, नवंबर के बाद से ही हजारों किसान दिल्ली के गाजीपुर, सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं, जो नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।