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32 साल पुराने मामले में पूर्व सांसद पप्पू यादव गिरफ्तार ! रात 11 बजे हुई पेशी, 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे गए जेल।

पटना। जन अधिकार पार्टी |JAP| के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव को मधेपुरा की पुलिस ने पटना से गिरफ्तार कर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश करने के बाद वीरपुर जेल भेज दिया है। पुलिस ने पप्पू यादव को मधेपुरा व्यवहार न्यायलय के प्रभारी ए सीजेएम प्रथम कोर्ट में पेश किया। इसके बाद कोर्ट के प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें जेल भेजा गया। इस दौरान पप्पू यादव ने अपनी तबियत का हवाला देते हुए जज से जेल न भेजने को गुहार लगाई। पप्पू यादव ने कहा कि उनकी तबियत खराब है, वो जेल जाने की स्थिति में नहीं हैं, उन्हें मेडिकल कॉलेज या जिला अस्पताल में भेज दिया जाए। लेकिन पप्पू यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में सुपौल के वीरपुर जेल भेजा गया है।

पप्पू यादव ने कहा कि उनके ऊपर कार्रवाई बिहार के कई निजी मेडिकल माफिया और कई मंत्री के दबाव में की गई है। जब कोई मामला नहीं मिला तो 32 साल पुराना मामले में मुझे साजिश के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है,जबकि कोरोना काल मे गिरफ्तारी का कोई प्रवधान नहीं है। हाईकोर्ट में मामला लंबित है। मेरे साथ जानबूझकर ऐसा किया गया है।

बता दें कि कोर्ट प्रक्रिया के बाद पप्पू यादव को वीरपुर जेल भेजा गया है जहां पप्पू यादव के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद एक टीम गठित होगा इसके बाद टीम के निर्णय पर पप्पू यादव को वीरपुर जेल से मधेपुरा या अन्य जगहों पर शिफ्ट किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, पप्पू यादव पर मधेपुरा के कुमारखंड थाना में मामला पहले से ही दर्ज है। इसी मामले में उनके खिलाफ वारंट जारी होने के बाद मधेपुरा की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। जिसके बाद पुलिस अब मधेपुरा कोर्ट में उन्हें पेश किया।

बेईमानों को करता रहूंगा बेनकाब- पप्पू यादव॥

इससे पहले जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव को आज सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। पप्पू यादव ने खुद ट्वीट करके गिरफ्तार करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि मुझे गिरफ्तार कर पटना के गांधी मैदान थाना लाया गया है। पिछले दिनों ही पप्पू यादव ने बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के एंबुलेंस को लेकर सवाल उठाया था।

पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अपने एक और ट्वीट करके कहा था, ‘कोरोना काल में जिंदगियां बचाने के लिए अपनी जान हथेली पर रख जूझना अपराध है, तो हां मैं अपराधी हूं, पीएम साहब, सीएम साहब, दे दो फांसी, या, भेज दो जेल, झुकूंगा नहीं, रुकूंगा नहीं, लोगों को बचाऊंगा, बेईमानों को बेनकाब करता रहूंगा!’

उधर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने भी पप्पू यादव की गिरफ्तारी का विरोध किया है। पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने नीतीश कुमार की तुलना हिटलर से करते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने की कोशिश की जा रही है।

लॉकडाउन उल्लंघन पर केस॥

इसके अलावा गिरफ्तारी पर राज्य के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने अपनी ही सरकार को घेरा और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई जनप्रतिनिधि अगर दिन-रात जनता की सेवा करे और उसके एवज में उसे गिरफ़्तार किया जाए तो ऐसी घटना मानवता के लिए खतरनाक है, ऐसे मामलों की पहले न्यायिक जांच हो तब ही कोई कारवाई होनी चाहिए नहीं तो जन आक्रोश होना लाज़मी है।

इससे पहले पूर्व सांसद पप्पू यादव को लॉकडाउन उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रुडी के सांसद निधि से खरीदी गई एंबुलेंस की पोल खुलने के बाद सारण के अमनौर में पप्पू यादव के खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन का केस दर्ज किया गया था।

पप्पू यादव के खिलाफ अमनौर के अंचलाधिकारी ने लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में रविवार को अमनौर थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायत में पप्पू पर विश्वप्रभा सामुदायिक केंद्र में काफिले के साथ पहुंचकर लॉकडाउन का उल्लंघन का आरोप लगाया गया। इससे पहले पिछले हफ्ते शनिवार को पप्पू यादव पर एंबुलेंस में तोड़फोड़ के आरोप में केस दर्ज किया गया था।

22 मार्च को कोर्ट ने जारी कर दिया था वारंट॥

जन अधिकार पार्टी |JAP| के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव के खिलाफ 1989 में मधेपुरा जिले के कुमारखंड थाने में अपहरण मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसी मामले में कोर्ट ने उनके खिलाफ 22 मार्च को वारंट जारी किया था। कोर्ट ने वारंट इस वजह से जारी किया था क्योंकि पप्पू यादव कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे। इसे में मधेपुरा की पुलिस ने उन्हें कोर्ट की अवमानना के मामले में गिरफ्तार किया है।

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