लंदन। ब्रिटेन के सीमा बल के अधिकारियों ने स्कॉटलैंड के शहर ग्लासगो में ‘‘आव्रजन संबंधी नियमों के उल्लंघन के संदेह में’’ दो भारतीय नागरिकों को हिरासत में ले लिया था, हालांकि घटना के बाद मानवाधिकार के एक वकील की मदद और उनके पड़ोसियों के सड़क जाम कर करीब आठ घंटे तक बल की गाड़ी को वहां से जाने नहीं देने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
दोनों भारतीयों की पहचान शेफ सुमित सहदेव और मैकेनिक लखवीर के तौर पर हुई है, जो खबरों के अनुसार पिछले 10 साल से ब्रिटेन में रह रहे हैं। ‘यूके इमीग्रेशन इन्फोर्समेंट’ के छह अधिकारियों ने स्कॉटलैंड पुलिस की मदद से ग्लास्गो में बृहस्पतिवार को उन्हें उनके घर से निकाल वैन में बैठाया और हिरासत केन्द्र के लिए निकलने लगे, लेकिन सभी प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह वहां एकत्रित हो गया और उन्हें छोड़े जाने की मांग करने लगा।
पाकिस्तानी मूल के मानवाधिकार वकील आमेर अनवर ने ‘आईटीवी न्यूज’ से कहा, ‘‘ ईद के दिन ‘होम ऑफिस’ द्वारा की गई यह एक निंदक और उकसावे वाली कार्रवाई है। वास्तव में, उन्हें इन लोगों के जीवन की कोई फिक्र नहीं है, लेकिन ग्लासगो के लोगों को इनकी फिक्र है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह शहर शरणार्थियों के सहयोग से बना है, जिन लोगों ने इस शहर को बनाने के लिए अपना खून, पसीना और आंसू बहाए हैं। हम इन लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं।’’ लखवीर सिंह ने पंजाबी में बात करते हुए कहा कि जब अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में लिया तो उन्हें डर था कि क्या होगा और उन्होंने पड़ोसियों के समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद भी किया।
‘द इंडिपेंडेंट’ की खबर के अनुसार, ग्लासगो के पोलोक्शील्ड्स क्षेत्र में सैकड़ों स्थानीय लोगों ने दोनों भारतीयों को ले जा रही बॉर्डर एजेंसी की वैन को वहां रोकने की कोशिश की। स्कॉटलैंड के एक स्थानीय समाचारपत्र ने बताया कि प्रदर्शनकारी वहां, ‘‘ हमारे पड़ोसियों को छोड़ दो, उन्हें जाने दो’’ और ‘‘पुलिस कर्मी घर जाओ’’ के नारे लगाते सुनाई दिए।
अधिकारियों ने कहा कि वे ग्लासगो में हुए गतिरोध के बाद सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन दोनों लोगों को छोड़ रहे हैं। प्रदर्शन के बाद स्कॉटलैंड की प्रधानमंत्री निकोला स्टर्जन ने ‘होम ऑफिस’ पर ‘‘ खतरनाक एवं अस्वीकार्य स्थिति’’ उत्पन्न करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘ ईद के दिन…कोविड-19 के प्रकोप के बीच ऐसा करना… लेकिन इससे भी बड़ी समस्या भयावह आश्रय एवं आव्रजन नीति है।’’ उन्होंने कहा कि वह ब्रिटेन की सरकार से ‘‘आश्वासन देने की मांग’’ करती हैं कि वे ऐसी खतरनाक स्थिति दोबारा उत्पन्न नहीं करेंगे।
स्टर्जन ने कहा, ‘‘ मैंने जब एक कनिष्ठ मंत्री से बात करने की कोशिश की तो, ना कोई आश्वासन दिया गया.. ना कोई सहानूभुति दिखाई गई है।’’ ‘नो एविक्शन्स नेटवर्क’ समूह के अनुसार, तीन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
वहीं, स्कॉटलैंड पुलिस ने इन दोनों भारतीय की रिहाई की घोषणा के आदेश में कहा, ‘‘ पोलोक्शील्ड्स की केनमुरे स्ट्रीट पर प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों की सुरक्षा, उनके स्वास्थ्य और कल्याण को ध्यान में रखते हुए, मुख्य अधीक्षक मार्क सदरलैंड ने ‘यूके इमीग्रेशन इन्फोर्समेंट’ द्वारा हिरासत में लिए गए दो लोगों को रिहा करने का फैसला लिया है… ।’’