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यूपी में विधानसभा चुनाव को से पहलें बीजेपी- संघ का महामंथन, बैठक मे पीएम मोदी-अमित शाह भी रहे मौजूद।

PM Modi, Amit Shah attends crucial BJP, RSS meet on UP election strategy year before polls.

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपनी चुनावी रणनीति तैयार करने मे जुट गई है। प्रदेश की जमीनी हालात को जानने के लिए भाजपा संगठन के वरिष्ठ नेताओं के बीच मंथन जारी है। रविवार को उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के बीच महामंथन की गई। इस अहम बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन मंत्री सुनील बंसल के साथ संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के बीच रविवार को गंभीर मंत्रणा हुई, और साथ ही साथ सरकार की छवि को हुए नुकसान पर चिंता जताई गई।

वही सूत्र दावा कर रहे हैं कि भाजपा संगठन मंत्री सुनील बंसल पिछले 2 दिनों से दिल्ली में ही डटे हुए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि नेताओं की बैठक उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर काफी अहम रही। पार्टी ने ऐसे कई महत्वपूर्ण निर्णय जरूर लिए होंगे जिससे उसकी जमीनी पकड़ राज्य में मजबूत हो सके। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव जीतने में असफल रही भाजपा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह से रणनीति पर काम कर रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार बैठक में पार्टी और संगठन ऐसी ही रणनीति पर जोर देते नजर आए जिससे कि पार्टी की छवि को पहुंचे नुकसान की भरपाई की जा सके। जाहिर सी बात है कि कोरोना वायरस की वजह से केंद्र और राज्य सरकारों की छवि जरूर खराब हुई है। इस बैठक में इसी बात को लेकर सबसे ज्यादा चिंता जाहिर की गई।

बता दें कि, करीब एक हफ्ता पहले यूपी में पंचायत चुनाव में मिली हार को लेकर बीजेपी में मंथन हुआ था। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पंचायत चुनाव की समीक्षा बैठक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, महामंत्री संगठन सुनील बंसल, क्षेत्रीय अध्यक्ष और पंचायत चुनाव से जुड़े पदाधिकारी मौजूद रहे थे। इस दौरान पंचायत चुनाव में पार्टी को मिली हार को लेकर मंथन किया गया था।

इसके अलावा बैठक में कुछ क्षेत्रीय अध्यक्षों ने इस बात पर भी जोर दिया था कि कहीं ना कहीं अति आत्मविश्वास की वजह से भी नुकसान उठाना पड़ा है। कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों को लग रहा था कि सरकार होने का फायदा मिलेगा। इसलिए कई जगहों पर उम्मीदवारों ने चुनाव को हल्के में लिया जिसका नतीजा यह हुआ कि चुनाव में हार मिली।

हालांकि बैठक में इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की गई थी कि ग्राम प्रधान के पद पर ज्यादातर गांव में बीजेपी के सामान्य कार्यकर्ताओं ने जीत हासिल की है। इसका फायदा पार्टी को अगले साल होने वाले विधान परिषद चुनाव में जरूर मिलेगा।

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