नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के कारण देश में लाखों लोगों की मौत हो गयी। लेकिन अप्रैल-मई 2021 के महीने में कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले किसी भी व्यक्ति की मौत कोरोना संक्रमण के कारण नहीं हुई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान |AIIMS| की ओर से किये गये एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है। एम्स ने एक ब्रेक थ्रू सर्वे कराया है। बता दें कि वैक्सीन ले चुके शख्स को अगर कोरोना संक्रमण होता है तो इसे ब्रेक थ्रू कहा जाता है।
एम्स की ओर से यह स्टडी उस समय किया गया, जब कोरोना संक्रमण पूरे देश में पीक पर था। अप्रैल से मई के बीच किये गये इस सर्वे में देखा गया कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन लगवा ली है और वे अगर कोरोना संक्रमित हुए हैं तो उनकी मौत इस संक्रमण के कारण नहीं हुई है। अप्रैल और मई वह महीना था जब एक दिन में चार लाख से अधिक नये मामले सामने आ रहे थे। सरकार भी लगातार कर रही है कि कोरोना से बचाव का वैक्सीन ही एक कारगर उपाय है।
स्टडी में 63 लोगों को शामिल किया गया था। इनमें से 41 पुरुष और 22 महिलाएं थीं। 10 व्यक्तियों को कोविशील्ड का वैक्सीन लगाया गया था, जबकि 53 को कोवैक्सीन का टीक लगा था। इनमें से 36 लोगों को दोनों डोज दिये जा चुके थे। 27 व्यक्तियों को कोविड-19 वैक्सीन की एक खुराक दी गयी थी। रोगियों की आयु 21 से 92 के बीच थी और उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। इनमें से किसी की मौत कोरोना संक्रमण से नहीं हुई थी।