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यूपी में धर्मांतरण के गैंग का पर्दाफाश! करीब एक हजार लोगों के धर्म बदलवाने का आरोप, मुख्य आरोपी उमर ने खुद भी किया था कन्वर्जन।

UP Police arrest two people in Delhi for allegedly forcing over 1000 people to Convert to Islam.

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। यूपी पुलिस की एटीएस ने लंबे अभियान के बाद प्रदेश में चल रहे धर्मांतरण के मामले में दो लोगों को दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। इसके साथ ही यह बात सामने आई है कि धर्मांतरण का काम संगठित तौर पर देश विरोधी, असामाजिक तत्वों, धार्मिक संगठन अथवा सिंडिकेट, आईएसआई व विदेशी संस्थाओं के निर्देश व उनसे प्राप्त फंडिग के जरिए किया जा रहा है।हालाकि अभी तक सिर्फ दो ही गिरफ्तारियां हुई हैं, लेकिन इसमें 100 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की आशंका जताई गई है।

इस मामलें में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस गिरोह के बारे में जानकारी दी है। उन्होने बताया कि पिछले एक साल में 350 लोगों का धर्मांतरण कराया गया है। नोएडा के एक मूक बधिर स्कूल के भी 18 बच्चों का धर्मांतरण कराया गया। अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है। ये पूरा रैकेट पिछले दो साल से चल रहा था। उन्होंने बताया कि मामले में विदेशी फंडिंग के सबूत भी मिले हैं। उन्होंने ये भी बताया कि लोगों को डरा-धमकाकर और लालच देकर धर्मांतरण कराया जाता है।

उन्होने बताया कि, पकड़े गए दोनों आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी दिल्ली के जामिया नगर इलाके के रहने वाले हैं। इनके ऊपर सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि पूरे देश में धर्मांतरण कराने का आरोप है। इस मामले में एटीएस ने यूपी के गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें जामिया नगर स्थित आईडीसी इस्लामिक दावा सेंटर के चेयरमैन का नाम भी दर्ज है। जानकारी के मुताबिक, यूपी एटीएस इन दोनों मौलानाओं से चार दिन से पूछताछ कर रही है। जांच में ये भी सामने आया है कि मोहम्मद उमर गौतम ने भी खुद हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म कबूल किया है।

वही एटीएस की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, ये लोग गैर-मुस्लिमों को डरा-धमकाकर, उन्हें नौकरी और पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराते थे। ये लोग आमतौर पर कमजोर वर्गों, बच्चों, महिलाओं और मूक बधिरों को टारगेट कर उनका इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराते थे।

एटीएस के अधिकारियो को कहना है कि ये लोग गरीब हिंदुओं को निशाना बनाते थे और अब तक एक हजार से ज्यादा हिंदुओं का धर्मांतरण कर चुके हैं। ये दोनों मौलाना ज्यादा मूक बधिर और महिलाओं का धर्म परिवर्तन करवाते थे। इतना ही नहीं, जांच में ये भी सामने आया है कि नोएडा में चल रहे मूक बधिर स्कूल के डेढ़ दर्जन बच्चों का भी धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं। इन दोनों का नाम रामपुर से जुड़े धर्मांतरण के मामले में भी सामने आ रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि, अब इन दोनों मौलानाओं को गिरफ्तार कर जानकारी जुटाई जा रही है। इन्हें फंडिंग कहां से होती थी? इनका मकसद क्या है? ऐसे तमाम सवालों के जवाब इनसे पूछे जा रहे हैं।

पुलिस के मुताबिक़ धर्मांतरण के लिए लोगों को ऐसे फंसाते थे ये लोग॥

  • उमर गौतम उत्तर प्रदेश के कई जनपदों के विभिन्न गैर मुस्लिम मूकबधिर, महिलाओं, बच्चों और अन्य कमजोर वर्ग के लोगों का बड़े पैमाने पर सामूहिक धर्म परिवर्तन करा रहा है।
  • उमर ने बताया है कि अभी तक लगभग एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कराया है और बड़ी संख्या में उनकी मुस्लिमों से शादी कराई है।
  • उमर व उसके सहयोगियों द्वारा धर्म परिवर्तन हेतु आईडीसी(इस्लामिक दावाह सेंटर) नाम की संस्था का दिल्ली के जामिया नगर में संचालन किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य गैर-मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कराना है।
  • धर्मांतरण के लिए इस आईडीसी संस्था व उमर के बैंक खातों में तथा अन्य माध्यमों से बड़ी मात्रा में पैसे उपलब्ध कराए जाते हैं। इस काम के लिए विदेशों से भी फंडिंग कराई जाती है।
  • उमर के बहुत से सहयोगी हैं जिनमें मुफ्ती काजी जहांगीर भी है जो उसी के साथ गिरफ्तार हुआ है। मुफ्ती काजी धर्मांतरण से संबंधित प्रमाण-पत्र और विवाह के प्रमाण-पत्र गैर कानूनी ढंग से तैयार कराता है।
  • पुलिस को जांच में पता चला है कि इन लोगों के द्वारा नोएडा डेफ सोसायटी, नोएडा सेंटर, सेक्टर 117, में जो मूक-बधिरों का रेजिडेंशियल स्कूल है वहां व कुछ अन्य स्कूलों के गरीब छात्रों को नौकरी, शादी और पैसे जैसी चीजों का लालच देकर धर्मांतरण कराया जाता है। हालांकि इसके बारे में ऐसे बच्चों के माता-पिता को कुछ नहीं पता है।
  • ऐसे बच्चों के माता-पिता बताते हैं कि पहले उनके बच्चे गायब हो गए। जब बच्चों ने किसी तरह वीडियो कॉल किया तब उन्हें जानकारी हो सकी कि उनके बच्चे का धर्म परिवर्तन करा दिया गया है।
  • इसके लिए आरोपी आसानी से उपलब्ध गरीब परिवारों, बेरोजगार लड़के-लड़कियां, मूक-बधिर छात्र आदि को चिन्हित करते हैं। इसके बाद आरोपी इन लोगों के मन उन उनके अपने धर्म के प्रति घृणा पैदा कर इस्लाम धर्म के श्रेष्ठ होने की बात करते हैं। इससे पीड़ित उनकी बातों में आ जाते हैं और अपने धर्म से नफरत करने लगते हैं। कई तरह के लालच देकर, मानसिक दबाव बनाकर, परिस्थिति का भय दिखाकर इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए तैयार किया जाता है और उनके धर्मांतरण से संबंधी अभिलेखों को तैयार कर कानूनी तौर पर उसका धर्म परिवर्तन करा देते हैं। इसके बदले उन्हें नौकरी, पैसा दिया जाता है या विवाह कराया जाता है। समय-समय पर ऐसे धर्म परिवर्तित लोगों के लिए सम्मेलनों का आयोजन कर अन्य गैर-मुस्लिम लोगों को लालच देकर भी इससे जोड़ा जाता है।

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