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धर्मांतरण से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने कसा शिकंजा, दिल्ली-यूपी में छह जगहों पर छापेमारी।

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उत्तर प्रदेश में कुछ मूक-बधिर छात्रों और गरीब लोगों के कथित तौर पर धर्मांतरण एवं विदेश से धन मिलने के हालिया मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अनेक स्थानों पर शनिवार को छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह छापेमारी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के छह स्थानों पर चल रही है।

ये छापेमारी इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) के कार्यालय, मामले के मुख्य आरोपी मोहम्मद उमर गौतम उसके सहयोगी मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी के दक्षिण दिल्ली के जामिया नगर क्षेत्र स्थित घर पर की जा रही है। उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ स्थित ‘अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन एंड गाइडेंस एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी’ के कार्यालयों में छापेमारी की जा रही है।

ईडी के अधिकारियों ने कहा कि ये संगठन उमर गौतम द्वारा चलाए जा रहे हैं और कथित अवैध धर्मांतरण में “महत्वपूर्ण भूमिका” निभा रहे हैं। केन्द्रीय जांच एजेंसी ने पिछले माह धनशोधन निषेध अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत एक अपराधिक मामला दर्ज किया था। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते(एटीएस) ने मामले का भंडाफोड़ किया था और एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।

अधिकारियों ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान कई “आपत्तिजनक” दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जो पूरे भारत में उमर गौतम और उनके संगठनों द्वारा कथित तौर पर किए गए “बड़े पैमाने पर धर्मांतरण” का खुलासा करते हैं। उन्होंने दावा किया कि दस्तावेजों में अवैध धर्मांतरण के उद्देश्य से आरोपी संगठनों द्वारा प्राप्त कई करोड़ रुपये के विदेशी धन का भी खुलासा हुआ है।

एटीएस ने उमर गौतम और कासमी को गिरफ्तार किया था, जो दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले हैं। साथ ही एटीएस ने दावा किया था कि वे इस्लामिक दावा सेंटर नाम से संगठन चलाते हैं और इन्हें कथित तौर पर गैर कानूनी गतिविधियां चलाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई तथा अन्य विदेश एजेंसियों से धन मिलता है।

यूपी धर्मांतरण मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से की जा रही जांच॥

बता दें कि ईडी ने उत्तर प्रदेश में कुछ मूक-बधिर छात्रों और गरीब लोगों के इस्लाम में कथित तौर पर धर्मांतरण के संबंध में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से कथित वित्त पोषण के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। अधिकारिक सूत्रों ने बीते शुक्रवार को को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि पुलिस एफआईआर के बराबर मानी जाने वाली प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज की गई है।

ईडी ने इस एफआईआर का अध्ययन किया और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इसकी जांच इस आरोप पर केंद्रित होगी कि विदेशों और घरेलू स्रोतों से अवैध धन प्राप्त किया गया था और आरोपी और उनके सहयोगियों द्वारा धन शोधन किया गया था। एजेंसी के पास जांच के दौरान आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने और बाद में मुकदमा चलाने और कानून के तहत निर्धारित तीन से सात साल के बीच सजा दिलाने के लिए पीएमएलए अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर करने का अधिकार है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद मीडिया को बताया था कि गौतम, जो खुद हिंदू धर्म से इस्लाम में परिवर्तित हैं, उसने पुलिस पूछताछ में शादी, पैसे और नौकरी का लालच देकर कम से कम 1,000 लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने का दावा किया था।

इन दोनों लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और उत्तर प्रदेश के कड़े धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। ये दोनों इस समय पुलिस हिरासत में हैं।

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