नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के दिल्ली उच्च न्यायालय ने कार्यकर्ता साकेत गोखले को पूर्व भारतीय राजनयिक लक्ष्मी एम. पुरी के खिलाफ कथित मानहानि वाले ट्वीटों को तत्काल हटाने का मंगलवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने अंतरिम आदेश में गोखले को मानहानि के मामले के लंबित रहने के दौरान लक्ष्मी पुरी और उनके पति हरदीप सिंह पुरी के खिलाफ निंदात्मक ट्वीट नहीं करने को भी कहा।
अदालत ने कहा कि यदि गोखले आदेश पारित होने के 24 घंटे के भीतर ट्वीट नहीं हटाते हैं तो ट्विटर यूआरएल की पहचान करके आवश्यक कार्रवाई करे।
अदालत ने यह आदेश लक्ष्मी पुरी द्वारा दायर किए गए मानहानि के मामले में दिया है जिसमें पूर्व राजनयिक ने गोखले से पांच करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति की मांग की तथा अदालत से ट्वीट हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया।
लक्ष्मी पुरी ने आरोप लगाया कि गोखले ने जो ट्वीट किए हैं वे झूठे और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं, अपने आप में मानहानिकारक हैं और उनके तथा उनके परिवार के खिलाफ निंदात्मक, अपमानजनक वक्तव्य या लांछन हैं।
अदालत ने मुख्य वाद में गोखले को समन भी जारी किए और उन्हें चार हफ्ते के भीतर लिखित जवाब देने का निर्देश दिया। मामले को अगली सुनवाई के लिए दस सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया है।