कोलकाता। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने बंगाल की विश्व प्रसिद्ध दुर्गापूजा को अंतरराष्ट्रीय उत्सव की मान्यता देने के लिए यूनेस्को से आवेदन किया है। गौरतलब है कि अबतक दुनिया के छह देशों के उत्सवों को ही यूनेस्को से अंतरराष्ट्रीय उत्सव के तौर पर मान्यता मिली है। इनमें फ्रांस, स्विट्जरलैंड, बेल्जियम, ब्राजील सरीखे देश शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार का पर्यटन विभाग संयुक्त राष्ट्र संघ के वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन यानी कि यूनेस्को से इस सर्वश्रेष्ठ बंगाली त्यौहार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता देने के लिए आवेदन किया है। पश्चिम बंगाल के पर्यटन मंत्री इंद्रनिल सेन ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दुर्गा पूजा को कोलकाता से लेकर अलग-अलग जिलों तक तथा दूर दराज के गांव के साथ-साथ दुनिया के कोणों में भी आगे बढ़ा रही हैं। दुर्गा पूजा का अंत अपने आप में दिलचस्प होता है। यही कारण है कि पर्यटन विभाग का की ओर से अर्जी यूनेस्को को दी गई है। बंगाल सरकार के प्रशासनिक सूत्रों की माने तो केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के माध्यम से हाल में ही आवेदन सही जगह पर पहुंच गया है।
इस मामले को लेकर विभिन्न देशों के प्रतिनिधि राज्य सरकार के आवेदन के आधार पर मूल्यांकन करेंगे। सांस्कृतिक आधार पर देखें तो यूनेस्को ने अब तक दुनिया भर में 6 त्यौहारो को मान्यता दी है। इनमें फ्रांस, बेल्जियम, स्विटजरलैंड, ब्राजील, बोलीविया जैसे देश शामिल है। कुछ साल पहले ही दुर्गा पूजा को नेशनल ज्योग्राफिक चैनल द्वारा मेगा फेस्टिवल के रूप में मान्यता दी गई थी। यहां अनेकता में एकता के विचार में यूनेस्को के अधिकारियों की ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।
बता दें कि विदेशों में दुर्गापूजा का आयोजन साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, संयुक्त राज्य, स्विजरलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, कनाडा समेत विभिन्न देशों में रह रहे बंगाली समुदाय के लोग वहां दुर्गापूजा का आयोजन करते हैं। इसके लिए दुर्गा प्रतिमाएं कोलकाता के कुम्हारटोली में तैयार होती है और जहाज से भेजी जाती हैं। इस साल अब तक कई दुर्गा प्रतिमाएं विदेश भेजी जा चुकी है।
बंगाल सरकार की ओर से इससे पहले भी इस बाबत आवेदन किया गया था लेकिन तब इसे स्वीकृति नहीं मिली थी। पर्यटन विभाग ने दुर्गापूजा से पहले फिर कोशिश शुरू की है। पर्यटन विभाग की सचिव नंदिनी चक्रवर्ती ने बताया-‘ ब्रिटिश जमाने में महिलाओं द्वारा आयोजित होने वाली दुर्गापूजा आकर्षण का केंद्र हुआ करता था। अंग्रेज दुर्गापूजा को क्षमता बढ़ाने वाली पूजा के तौर पर देखते थे। दुर्गापूजा सबकी पूजा है। सभी जाति-धर्म के लोग इसमें शामिल होते हैं और आनंद करते हैं। यह विविधता में एकता की नजीर पेश करने वाला अद्भुत उत्सव है इसलिए हमने इसे अंतरराष्ट्रीय उत्सव के तौर पर मान्यता दिलाने के लिए यूनेस्को के पास फिर से आवेदन किया है।’
गौरतलब है कि ममता सरकार ने देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ‘पूजा कार्निवल’ शुरू किया था, जिसके तहत कोलकाता के रेड रोड पर महानगर व आसपास की सर्वोत्तम दुर्गा प्रतिमाओं की झांकियां निकाली जाती थीं। कोरोना महामारी के कारण पिछले साल से पूजा कार्निवल का आयोजन बंद है।