श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को श्रीनगर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। अमित शाह ने इस दौरान कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए कश्मीर घाटी के सियासी दलों पर भी हमला बोला। अमित शाह ने कहा कि बहुत लोगों ने सवाल खड़े किए कि कर्फ्यू लगा है, इंटरनेट बंद है, धारा 370 जाने के बाद कश्मीरियों की जमीन छीन ली जाएगी लेकिन यहां पर बैठे जिला पंचायत के अधिकारी, सरपंच साहब अपने-अपने जगह पर लोगों से पूछिए कि कितने लोगों की जमीन चली गई है।
ये लोग विकास को बांध कर रखना चाहते हैं, अपनी सत्ता को बचाकर रखना चाहते हैं, 70 साल से जो भ्रष्टाचार किया है उसको चालू रखना चाहते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि ये लोग कहते थे कि दहश्तगर्दों के ख़िलाफ़ आवाज़ नहीं उठाई, इन लोगों ने घाटी का पर्यटन समाप्त कर दिया था। मार्च 2020 से मार्च 2021 के बीच में देश और विदेश के 1.31 लाख पर्यटक जम्मू-कश्मीर में आए हैं, जो देश के आज़ाद होने के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है।
गृह मंत्री ने कहा कि 20,000 से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी दी गई है, और 6,000 लोगों को आज नौकरी मिलने वाली है। ये सभी भर्तियां पारदर्शी तरीके से की गई हैं। सही कौशल वाले लोगों को बिना भाई-भतीजावाद के काम पर रखा गया है।
उन्होंने कहा कि आप सब अपने दिल में से खौफ और डर निकाल दीजिये। कश्मीर की शांति और विकास की यात्रा में अब कोई खलल नहीं डाल सकता।
उन्होंने कहा कि फारूक साहब ने भारत सरकार को पाकिस्तान से बात करने की सलाह दी… मैं घाटी के युवाओं से बात करना चाहता हूं। मैंने घाटी के युवाओं के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। घाटी, जम्मू और नए बने लद्दाख का विकास पाक़ीज़ा मकसद से उठाया गया है कदम है।
गृह मंत्री ने कहा कि सूफीवाद कश्मीर के रास्ते से पूरे भारत में आया था। मैं आज इसीलिए देर हो गया क्योंकि मैं इन्हीं लोगों के साथ बैठक करके आया हूं। मैं आज एक आशा की ज्योति देखकर आया हूं और वो यह है कि जम्मू-कश्मीर के अंदर हमेशा के लिए शांति हो सकती है। इसीलिए आज मैं कश्मीर के युवाओं से भी अपील करने आया हूं कि जिन्होंने आपके हाथ में हथियार और पत्थर पकड़ाए थे उन्होंने क्या भला किया ? यह लोग पाकिस्तान की बात करते हैं। पाक अधिकृत कश्मीर आपके नजदीक है, वहां पूछिए गांव में बिजली आई क्या ? अस्पताल है क्या ? पीने का पानी आता है, बहनों के लिए शौचालय है क्या ? जरा तुलना कीजिए। कुछ नहीं है और यह लोग पाकिस्तान की बात करते हैं।
अमित शाह ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के हर घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है और पहुंच भी रही है। लेकिन यह 70 सालों में क्यों नहीं हुआ ? कैसे करते एक साल में 6 महीने तो इंग्लैंड में चले जाते थे। मनोज जी कल करवाचौथ था, कल भी नहीं गए। यहां 24 घंटे कश्मीर की आवाम की सेवा में जुटे हुए हैं। मैं आशा करता हूं कि कश्मीर का अगला मुख्यमंत्री भी ऐसा आए जो लंदन न जाए बल्कि अनंतनाग के अंदर जाकर कश्मीरियों की आवाज सुने।
इसी बीच अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2022 से पहले में बेगैर घर के कश्मीर में कोई नहीं होगा। सभी के पास मकान होगा।