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तीसरे दिन भी जारी है युद्ध, यूक्रेन का दावा- मार गिराए 1000 से ज्यादा रूसी सैनिक, रूस ने कहा- 211 सैन्य ठिकानों को किया तबाह।

1,000 Russian troops killed, 211 Ukraine military structures attacked; Claims and counter-claims.

कीव। रूस और यूक्रेन के बीच आज तीसरे दिन भी युद्ध लगातार जारी है। युद्ध के बीच दोनों देशों के अलग-अलग दावे हैं। रूस ने दावा किया है कि उनकी सेना ने यूक्रेन के 211 सैन्य ठिकानों को नष्ट कर दिया है। दूसरी और यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के कम से कम 80 टैंक्स, 516 बख्तरबंद गाड़ियां, 10 एयरक्राफ्ट, 7 हेलीकॉप्टर और 20 क्रूज मिसाइलों को नष्ट कर दिया है। इतना ही नहीं, यूक्रेन की ओर से यह भी दावा किया जा रहा है कि उन्होंने एक हजार से ज्यादा रूसी सैनिकों को मार गिराया है। दूसरी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि अब तक के युद्ध में उनके 137 हीरोज ने जान गवाई हैं। कुल मिलाकर देखें तो फिलहाल हथियार डालने के मूड में दोनों देशों में से कोई नहीं है। इसका मतलब साफ है कि युद्ध लंबा चल सकता है।

गुरुवार को यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध शुरू हुआ था जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सैन्य कार्यवाही के निर्देश दिए थे। रूस की ओर से दावा किया जा रहा है कि आज उसकी सेना राजधानी कीव के आसपास पहुंच गई है क्योंकि आसपास में फाइटर प्लेन की गर्जना भी सुनाई दे रही है जिसकी वजह से वहां के लोगों में खौफ व्याप्त है। लोग अपने घरों में या बंकरो में दुबके हुए हैं। साथ ही साथ कई लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए अब भी संघर्ष कर रहे हैं। यूक्रेन यह भी दावा कर रहा है कि उसने रूस के मिलिट्री प्लेन को भी मार गिराया है। युद्ध से सैकड़ों लोगों के हताहत होने की सूचनाओं के बीच कीव में इमारतों, पुलों और स्कूलों के सामने भी गोलीबारी और विस्फोटों की घटनाएं हुई हैं।

इस बात के भी संकेत बढ़ रहे थे कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन की मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे हैं। दुनिया के नक्शे में बदलाव करने और रूस के शीतयुद्ध कालीन प्रभाव को बहाल करने के लिए यह पुतिन का अभी तक का सबसे बड़ा कदम है। हालांकि इस युद्ध में अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन का कितना हिस्सा अब भी उसके कब्जे में है और कितने हिस्से पर रूस का नियंत्रण हो गया है। इस बीच क्रेमलिन ने बातचीत करने की कीव की पेशकश स्वीकार कर ली लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि यह युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के प्रति नरमी दिखाते हुए किया जा रहा है, ना की मामले का कूटनीतिक हल निकालने के लिए।

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