नोएडा। श्रीकांत त्यागी को तीन मामलों में जमानत मिल गई है। उसे महिला के साथ छेड़छाड़ के केस में भी जमानत मिल गई है। हालांकि वह जेल से अभी बाहर नहीं आ पाएगा क्योंकि पुलिस ने उस पर गैंगस्टर एक्ट लगा रखा है। कैमरे में महिला को गाली देते नजर आए नोएडा के नेता श्रीकांत त्यागी को 9 अगस्त को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया था। महिला के साथ बदसलूकी करने वाले श्रीकांत त्यागी को पुलिस ने मेरठ में गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने मेरठ में श्रीकांत त्यागी समेत कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इससे पहले श्रीकांत त्यागी फरार था। यूपी पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद उसे गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस ने उस पर 25,000 रुपये का इनाम भी रखा था।
गौतमबुद्धनगर पुलिस के मुताबिक उसकी सोशल मीडिया टीम की तरफ से एक नोटिफिकेशन आया था, जिसमें ओमैक्स का वीडियो था। इस पर पुलिस ने संज्ञान लिया। वीडियो 5 अगस्त की घटना का था। पुलिस ने पीड़ित से संपर्क किया। फिर पीड़ित से शिकायत लेकर आरोपी की तलाश शुरू की। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 12 टीमें बनाई थीं। आरोपी यूपी से बाहर भी गया था। तलाश के लिए तकनीकी जांच, सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई थी। आरोपी पुलिस से बड़ी चालाकी से बचता रहा था।
पुलिस के अनुसार आरोपी फ्लाइट के जरिए शुरू में लखनऊ भागना चाहता था। पहले वह दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ गया, फिर मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार, ऋषिकेश गया। फिर वापस मेरठ के आसपास घूमता रहा। उसने दो बार अपने मोबाइल बदले और गाड़ियां बार-बार बदलीं। नौ अगस्त को सुबह आरोपी को मेरठ के पास से उसके सहयोगियों के साथ अरेस्ट कर लिया गया था। उसके साथ नकुल त्यागी, संजय और राहुल को भी पकड़ा गया था। आरोपी के पास 5 गाड़ियां हैं जो कि बरामद कर ली गई थीं।
त्यागी ने हर गाड़ी के वीआईपी नंबर के लिए एक लाख 10 हज़ार रुपये खर्च किए थे। उसके पास जो विधायक का स्टीकर था वह उसे स्वामी प्रसाद मौर्या से मिला था। उसकी संपत्तियों की जांच जारी है। आरोपी ने कहा था कि उसने महिला के साथ जो भी किया, वह गलत किया है इस पर इसे पछतावा है।
त्यागी के खिलाफ ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी की एक महिला के साथ अभद्रता करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। सोसाइटी में कब्जे का विवाद 3 साल पहले शुरू हुआ था। पीड़ित महिला ने त्यागी द्वारा सोसायटी के साझा क्षेत्र में पौधे लगाने पर आपत्ति जताई थी, जिससे वह भड़क उठा था और जमकर हंगामा किया था। वहीं मामले से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया और केस दर्ज किया था। इतना ही नहीं पुलिस ने इस मामले में 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया। वहीं मामले में शिकायतकर्ता महिला को दो निजी सुरक्षा अधिकारी मुहैया कराए गए हैं। पुलिस ने उस पर गैंगस्टर एक्ट भी लगाया है।
पक्ष में हुई थी महापंचायत॥
श्रीकांत त्यागी की गिरफ्तारी के बाद जिस तरह से त्यागी समाज उसके पक्ष में एकजुट हुआ था उससे नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा के लिए मुश्किल हो गई थी। यह मामला त्यागी बनाम ब्राह्मण का रूप लेने लगा। त्यागी समाज ने नोएडा में महापंचायत की। महापंचायत के बाद त्यागी समाज के लोगों ने गौतमबुद्धनगर थाने के डीएम से मुलाकात की। उन्हें अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। इसमें श्रीकांत त्यागी की रिहाई की मांग की गई।
महेश शर्मा को देनी पड़ी सफाई॥
गौतमबुद्धनगर से सांसद डॉ. महेश शर्मा श्रीकांत को इस मामले में पत्र लिखकर सफाई देनी पड़ी। गालीबाज कथित बीजेपी नेता श्रीकांत त्यागी की गिरफ्तारी के बाद सांसद महेश शर्मा के खिलाफ एक अभियान चलाया जा रहा था। इसमें उन्हें त्यागी समाज का विरोध करने वाले नेता के रूप में पेश किया जा रहा था। इस मामले में महेश शर्मा ने जनता के नाम ओपन लेटर जारी कर साफ किया है कि त्यागी समाज हमेशा हमारा समर्थक रहा है और इस मामले में एक अपराधी को बचाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने इसके लिए एक स्थानीय राजनेता और अधिकारी के संरक्षण में चल रहे लोकल यूट्यूब चैनल को जिम्मेदार ठहराया है।
विधायक नंदकिशोर गुर्जर बोले, गृह युद्ध जैसे हालात॥
इस मामले के बीच लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पत्र लिखकर गृह युद्ध जैसे हालात पैदा किए जाने की चेतावनी दे दी है। गाजियाबाद के लोनी विधानसभा से बीजेपी के ही विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, गृह को पत्र लिख कर गौतमबुद्धनगर में बड़े षड्यंत्र की आशंका जताई है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि अधिकारी और नेताओं के गठजोड़ के कारण लगातार सनातन धर्म में वैमनस्यता को बढ़ाकर गृह युद्ध की स्थिति उत्पन्न की जा सकती है। श्रीकांत प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए एक उच्च स्तरीय जांच सिमिति बनाकर जांच करने की मांग विधायक ने की है।
राकेश टिकैत की भी एंट्री॥
इस प्रकरण में किसान नेता राकेश टिकैत की भी एंट्री हुई। राकेश टिकैत ने कहा कि श्रीकांत त्यागी प्रकरण कोई बड़ा मुद्दा नहीं था। पुलिस और प्रशासन ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया। देश में और कई मुद्दे हैं। इस मुद्दे को दोनों पक्षों को साथ बैठाकर हल किया जाना चाहिए।