तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके नेता जे जयललिता की मृत्यु के संबंध में अरुमुगासामी आयोग की रिपोर्ट को राज्य विधानसभा में पेश किया गया है। बता दें कि तमिलनाडु की पूर्व सीएम और अन्नाद्रमुक नेता जे जयललिता की मौत की अरुमुगासामी जांच समिचि जांच कर रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक जयललिता की मौत 5 दिसंबर को नहीं बल्कि 4 दिसंबर को दोपहर 3.50 बजे हुई थी।
इसी तरह आयोग शशिकला को दोषी ठहराने के अलावा किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता। आयोग की जांच के आधार पर निष्कर्ष निकाला गया है कि शकीकला, डॉ. शिवकुमार, तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव राधाकृष्णन और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री विजयभास्कर दोषी थे। उनके खिलाफ जांच का आदेश देने की मांग की है।
अरुमुगासामी जांच समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि तमिलनाडु की पूर्व सीएम जे. जयललिता की मृत्यु का समय अस्पताल द्वारा 5 दिसंबर 2016 को 11:30 बजे घोषित किया गया, लेकिन सबूतों के आधार पर 4 दिसंबर 2016 को दोपहर 3:00 बजे से 3:50 बजे के बीच हुई थी।
दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने की परिस्थितियों, स्वास्थ्य की स्थिति और उनकी मृत्यु के कारणों को लेकर उठाए जा रहे सवालों के बाद अरुमुगासामी जांच समिति को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अरुमुगासामी ने तमिल भाषा में 608 पेज और 500 पृष्ठों की अंतिम रिपोर्ट अंग्रेजी भाषा में सीएम स्टालिन को सौंपी थी।
जयललिता की मौत मामले में 159 से अधिक गवाह अरुमुगास्वामी आयोग के समक्ष पेश हुए और अपनी बात रखी। दिवाकरन ने दावा करते हुए कहा था कि “अम्मा की मौत तो एक दिन पहले 4 दिसंबर, 2016 को ही हो गई थी। मैं जब अपोलो अस्पताल पहुंचा तो देखा कि फिर भी वे वेंटिलेटर पर क्यों हैं।”