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वाराणसी में धूमधाम से मनाई गई देव दीपावली, लाखों दीपों से सजी शिव की नगरी, पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई।

Grand Dev Diwali celebrated in Varanasi, 10 lakh diyas lit at ghats.

वाराणसी। कार्तिक पूर्णिमा पर सोमवार को महादेव की नगरी काशी में देव दीपावली का आयोजन पूरे हर्ष और उल्लास के साथ किया गया और इस दौरान सबसे प्रमुख घाट दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती की गई, जिसे देखने के लिए सैंकड़ों लोगों की भीड़ एकत्रित रही।

घाट की छटा देख हर कोई मंत्रमुग्ध था।
गंगा किनारे 84 घाटों पर 10 लाख दीपक जलाए गये। जनसहभागिता से लोगों ने शहर में करीब 11 लाख दीपक जलाए। प्रशासनिक अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अस्सी से लेकर राजघाट के बीच जगह-जगह भक्तिमय माहौल बना हुआ है। सौ से अधिक घाटों पर दीप महोत्सव की छटा बिखरी हुई है।

दशाश्वमेध घाट पर अमर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि॥

काशी के प्रमुख घाटों में से एक दशाश्वमेध घाट पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देकर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। देव दीपावली का मुख्य कार्यक्रम राजघाट पर हुआ। चेत सिंह घाट पर लेजर शो शुरू हो गया है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के सामने गंगा पार रेती पर आतिशबाजी की गई।

84 घाटों पर जलाए गए 10 लाख दीये॥

मां गंगा का अर्धचन्द्राकार स्वरूप लाखों दीपक की रोशनी से जगमगाता रहा। जिला प्रशासन के अनुसार प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से गंगा किनारे के 84 घाटों पर 10 लाख दीये जलाए गए, वहीं जनसहभागिता से लगभग 11 लाख दीये जलाए गए। देव दीपावली का महत्व बताते हुए बटुक भैरव मंदिर के महंत जितेंद्र मोहन पूरी ने बताया कि कार्तिक मास के पूर्णिमा को ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था।

देव दीपावली पर गंगा और वरुणा के घाटों के साथ-साथ शहर और देहात के कुंड, सरोवर, तालाब, पोखरा, मंदिर आदि स्थानों पर दीप जलाए गए। कई जगहों पर भव्य आरती के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।

पीएम मोदी ने दी देव दीपावली की बधाई॥

वहीं वाराणसी से सांसद और प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने भी देव दीपावली पर बधाई दी। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि, “भारत की प्राचीन संस्कृति, अध्यात्म और परंपरा के प्रतीक पर्व कार्तिक पूर्णिमा एवं देव दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। पवित्र स्नान और दीपदान से जुड़ा यह अवसर हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करे।”

इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य ट्वीट करते हुए देव दीपावली वाराणसी के जगमगाते हुए घाटों के कुछ फोटो साझा किए।

घाट पर पहली बार हुई 3D लेजर शो॥

चेतसिंह घाट पर पहली बार थ्री डी प्रोजेक्शन मैपिंग लेजर शो के जरिए पुराणों की कहानियां जीवंत हुईं। गंगा की गोद में शिव भजनों का लेजर और लाइट मल्टीमीडिया शो होगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम के सामने ग्रीन पटाखों की छटा भी पर्यटकों को लुभा रही थी।

रायपुर से देव दीपावली देखने आया 40 लोगों का समूह॥

छत्तीसगढ़ के रायपुर से देव दीपावली देखने के लिए 40 लोगों का दल वाराणसी पहुंचा। उन्होंने कहा काशी की देव दीपावली के बारे में बहुत सुना था। आज हम देख रहे हैं। बहुत खुशी हो रही है। हमारे अंदर बहुत ही उमंग, उत्साह और उल्लास भरा है।

काशी विश्वनाथ के सभी गेटों को फूल से सजाया गया॥

कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) देशों से रूस के एक और किर्गिस्तान के दो सदस्य देव दीपावली में मेहमान हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को 50 टन फूलों सजाया गया।

चंद्र ग्रहण के चलते एक दिन पहले मनाई गई देव दिवाली॥

देव दीपावली का पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। मगर, इस बार कार्तिक पूर्णिमा यानी मंगलवार को चंद्र ग्रहण होने के कारण ज्योतिषाचार्यों और विद्वानों की सलाह पर देव दीपावली एक दिन पहले ही मनाई गई। आज शाम 8 लाख दीये गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित 85 से ज्यादा घाटों पर और पूर्वी तट पर रेत पर भी 2 लाख दीये जलाए गए।

मान्यताओं के अनुसार, इस दिन काशी के घाटों पर सभी देव आकर भगवान शिव की विजय की खुशी में दिवाली मनाते हैं। इस दिन माता गंगा की पूजा की जाती है। काशी के रविदास घाट से लेरप राजघाट तक लाखों दीए जलाए जाते हैं।

होटल से लेकर क्रूज तक सब हाउसफुल॥

देव दीपावली पर होटल, गेस्ट हाउस, नाव, बजरा, बोट और क्रूज की पहले से ही बुकिंग हो चुकी थी। चेतसिंह घाट पर इस बार 3-डी प्रोजेक्शन मैपिंग लेजर शो हुआ। वहीं, गंगा की गोद में शिव भजनों का लेजर और लाइट मल्टीमीडिया शो हुआ। पर्यटक ग्रीन पटाखों की आतिशबाजी का आनंद भी लिए।

देव दीपावली को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट॥

देव दीपावली को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। घाटों पर होने वाली भीड़ के मद्देनजर जहां अस्पतालों में बेड रिजर्व कराया गया है, वहीं घाट किनारे एंबुलेंस भी खड़ी रहेगी। यहां डाक्टरों की ड्यूटी भी लगाई गई है, जिससे कि किसी तरह की समस्या का तुरंत समाधान कराया जा सके। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि आपात स्थिति से निपटने के पूरे इंतजाम किए गए हैं। किसी तरह की आपात स्थिति में जरूरत पड़ने पर 108 एंबुलेंस को फोन कर बुलाया जा सकता है।

प्रशासन ड्रोन से किया निगरानी॥

  • प्राइवेट ड्रोन को उड़ाने पर पूरी तरह रोक लगाई गई थी।
  • जिले की सीमा पर भी फोर्स लगाई गई थी। इसके अलावा पर्याप्त संख्या में पुलिस और पीएसी की तैनाती की गई थी।
  • गंगा नदी में NDRF और SDRF की टीमों को मुस्तैद किया गया था।
  • पर्यटकों की बड़ी संख्या देखते हुए अस्पतालों में बेड रिजर्व करके चिकित्सकों की टीम को अलर्ट रखा गया था।
  • नाविकों को निर्धारित पर्यटकों को बैठाने और लाइफ जैकेट पहनने की हिदायत दी गई थी।
  • श्रद्धालुओं व पर्यटकों की भारी भीड़ के अनुमान से ट्रैफिक डायवर्जन और पार्किंग सुनिश्चित की गई थी।
  • पुलिस ने ड्रोन कैमरे के जरिए निगरानी की।
  • सरकारी इमारतों, सभी चौराहों और खंभों पर स्पायरल तिरंगा एलईडी लाइटिंग लगाई गई थी।
  • एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों का स्वागत किया गया।
  • रंगोली, फसाड लाइट और बिजली की लड़ियों से शहर भर में सजावट की गई थी।
  • वाराणसी के गोदोलिया चौराहे को चारों ओर से लॉक कर दिया गया था।

शहर में 6 जगह हुआ लाइव प्रसारण

  • देव दीपावली पर घाटों की आरती और सजावट शहर के कई स्थानों से लाइव देखी गई।
  • इसके लिए 6 प्रमुख स्थानों पर एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं के लिए रियल टाइम आरती देखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे लगाए गए थे।
  • एलईडी स्क्रीन अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, राजघाट, गोदोलिया मल्टी लेवल पार्किंग और कैंट स्टेशन पर लगाई गई थी।
  • लाइव तस्वीरों के साथ लोग महाआरती के समय भजन और घंटा-घड़ियालों की आवाज भी सुने।

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