कड़ाके की ठंड के बावजूद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सिर्फ टीशर्ट पहने दिख रहे हैं। राहुल के सिर्फ टीशर्ट पहनने को लेकर खूब चर्चा हो रही है। इसपर राहुल गांधी का कहना है कि उनको यह प्रेरणा गरीबों से मिली है। वहीं अब राहुल गांधी के समर्थन में लोगों ने भी बिना शर्ट या टी-शर्ट के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होना शुरू कर दिया है। कुरुक्षेत्र में सोमवार को राहुल के समर्थकों को बिना गर्म कपड़े पहने देखा गया है।
राहुल गांधी ने यह फैसला तीन गरीब लड़कियों से मिलने के बाद लिया। उन्होंने सोचा कि वह मार्च में सिर्फ टी-शर्ट पहनेंगे। राहुल गांधी ने यह बात अंबाला में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही।
एक जनसभा में राहुल गांधी ने कहा, “बीजेपी ने मेरी टी-शर्ट को मुद्दा बना दिया है। वे भ्रमित हैं कि मुझे ठंड क्यों नहीं लगती है? मैं आपको बताऊंगा कि मैंने टी-शर्ट क्यों पहनी है। जब यात्रा शुरू हुई तब केरल में गर्मी और उमस थी। लेकिन जब हमने मध्य प्रदेश में प्रवेश किया तो थोड़ी ठंड पड़ना शुरू हो गई थी। एक दिन फटे कपड़ों में तीन गरीब बच्चियां मेरे पास मुझसे मिलने आई थी। जब मैंने उन्हें पकड़ा तो वे कांप रही थीं क्योंकि उन्होंने ढंग से कपड़े नहीं पहने थे। उस दिन, मैंने फैसला किया कि जब तक मैं कांप नहीं जाऊंगा, मैं केवल एक टी-शर्ट ही पहनूंगा।”
राहुल गांधी ने कहा, “मैं उन लड़कियों को एक संदेश देना चाहता हूं। जब मैं कांपने लगूंगा, तब मैं स्वेटर पहनने की सोचूंगा। मैं उन तीनों लड़कियों को संदेश देना चाहता हूं कि अगर आपको ठंड लग रही है तो राहुल गांधी को भी ठंड लगेगी।”
गरीबों पर किसी का ध्यान नहीं॥
भारत जोड़ो यात्रा के उत्तर प्रदेश-चरण के दौरान, राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह कहा था कि मीडिया उनके पहनावे को उजागर कर रहा है, लेकिन फटे कपड़ों में उनके साथ चल रहे गरीब किसानों और मजदूरों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने भागपत में कहा था, “मेरा टी-शर्ट में होना असली सवाल नहीं है, असली सवाल यह है कि देश के किसान, गरीब मजदूर और उनके बच्चे फटे-पुराने कपड़े, टी-शर्ट और बिना स्वेटर के क्यों हैं।”
सरकार तपस्या करने वालों का ध्यान रखे॥
राहुल गांधी ने कहा, करोड़ों लोग रोजाना गर्मी और सर्दी में मेहनत करते हैं। वह जो भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं वह असाधारण नहीं है। असली मुद्दा यह है कि गरीब -मजदूर लोगों की तपस्या का कोई सम्मान नहीं करता है। राहुल गांधी ने कहा कि वे ऐसा भारत चाहते है जहां सरकार तपस्या करने वालों का ध्यान रखे।