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खिचड़ी मेला की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे सीएम योगी, बोले- श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा में न हो कोताही।

गोरखपुर। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर लगने वाले विश्व प्रसिद्ध खिचड़ी मेले की तैयारियों का जायजा लिया। समूचे मंदिर परिसर व मेला परिसर का स्थलीय निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री ने हर एक व्यवस्था की जानकारी ली और संबंधित जिम्मेदारों को निर्देशित किया कि श्रद्धालुओं की सुविधा, सहूलियत वसुरक्षा में किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार रात अचानक लखनऊ से गोरखपुर पहुंचे। गोरखनाथ मंदिर में गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन पूजन करने तथा अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर शीश नवाने के बाद उन्होंने खिचड़ी मेले की तैयारियों की जानकारी ली। मंदिर का मेला परिसर का निरीक्षण करते हुए उन्होंने दर्शनार्थी श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए बैरिकेडिंग को देखा और जरूरी निर्देश दिए।

साथ ही उन्होंने मंदिर भवन के उच्च स्थानों पर सफाई को लेकर भी हिदायत दी। समूचे मंदिर परिसर का भ्रमण करने के बाद मुख्यमंत्री मेला परिसर भी पहुंचे। यहां भी उन्होंने सभी व्यवस्थाओं की पड़ताल की। इस दौरान उन्होंने मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों तथा मौके पर मौजूद अधिकारियों से कहा कि विश्व प्रसिद्ध खिचड़ी मेले में आने वाले हर श्रद्धालु की सुरक्षा, सुख सुविधा व सहूलियत का ध्यान रखना हम सब की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए रेन बसेरों में पर्याप्त बेड, कम्बल आदि व्यवस्था करते हुए सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी संख्या में अलाव भी जलाए जाएं।

मान्यता है कि गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है। कहा जाता है कि गुरु गोरखनाथ कांगड़ा में ज्वाला देवी के दरबार में गए। वहां पर देवी ने उन्हें भोजन के लिए आमंत्रित किया तो गुरु गोरखनाथ ने कहा कि वह तो खिचड़ी खाते हैं। आप पानी गरम कीजिए, बाकी सामग्री लेकर आते हैं। गुरु गोरखनाथ वहां से निकले तो गोरखपुर आ गए।

आज जहां गोरखनाथ मंदिर है, वहीं पर उन्होंने अपनी धुनी रमा दी और खप्पर रख दिया। उस दिन मकर संक्रांति थी। किसी संत के आने की सूचना से क्षेत्र के श्रद्धालु वहां पहुंचने लगे। लोग उनके खप्पर में खिचड़ी डालने लगे पर वह भरा नहीं। कहा जाता है कि गुरु गोरखनाथ ने वहीं खिचड़ी बनवाई और जितने भक्त आए सभी को खिलाया, पर खिचड़ी कम नहीं हुई। तब से खिचड़ी चढ़ाने की शुरू हुई परंपरा आज भी कायम है। हर साल मकर संक्रांति पर खिचड़ी मेला लगता है।

भगवा रंग के गमलों से सजा मंदिर परिसर॥

यू तो गोरखनाथ मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर पूरा परिसर भगवामय है, लेकिन इस साल मंदिर परिसर को गमलों से सजाया गया है। मंदिर के चारों तरफ पौधे लगे बड़े छोटे गमले रखे गए हैं। सभी भगवा रंग में रंगे हुए हैं।

मुख्य द्वार से गर्भगृह तक बैरिकेडिंग॥

मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी चढ़ाने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसलिए मुख्य द्वार से लेकर गर्भगृह के पास तक बैरिकेडिंग की व्यवस्था मंदिर प्रबंधन की तरफ से की जाती है। शुक्रवार को बल्लियां तथा मंदिर परिसर में लोहे की पाइप लगाकर बैरिकेडिंग कर दी गई।

विशिष्ट लोगों के लिए वीवीआईपी लाइन॥

गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने तथा दर्शन करने के लिए महिलाओं और पुरुषों के लिए दो-दो लाइनों के साथ बीच में एक वीवीआईपी लाइन होती है, जिस रास्ते विशिष्ट लोग ही जाते हैं। हर जगह मंदिर के वालंटियर तैनात रहते हैं।

मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम॥

मेले में आए श्रद्धालुओं को कोई दिक्त न हो, इसलिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सात पुलिस चौकी के अलावा एक थाना बनाया गया है। परिसर में 72 सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा एटीएस सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों के जवान तैनात हैं।

श्रद्धालुओं के लिए रहने का भी इंतजाम॥

खिचड़ी चढ़ाने आने वाले श्रद्धालुओं के रहने के लिए मंदिर प्रशासन की तरफ से हिंदू सेवाश्रम, यात्री निवासी, पर्यटक सुविधा केंद्र में रहने की व्यवस्था की गई है। कई स्थानों पर स्थायी और अस्थायी शौचालय का निर्माण कराया गया है। नगर निगम व बिजली विभाग व्यवस्था में लगा हुआ है।

फोटो जर्नलिस्ट डीके गुप्ता के निधन पर मुख्यमंत्री ने जताया दुख॥

फोटो जर्नलिस्ट्स दिनेश कुमार गुप्ता के आकस्मिक निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दु:ख व्यक्त किया है। दिवंगत दिनेश कुमार गुप्ता की पत्नी कुसुम गुप्ता को भेजे शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि दिनेश कुमार गुप्ता तीन दशक तक पत्रकारिता जगत में सक्रिय रहते हुए प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में छायाकार के पद के रूप में योगदान दिया। उनका निधन परिवार एवं समाज, विशेषकर पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने महायोगी गुरु गोरखनाथ से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को चिर-शांति प्रदान करें तथा आप सभी परिवारजनों को इस अपार दु:ख को सहन करने की शक्ति दें।

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