पटना। सुधाकर सिंह के खिलाफ आरजेडी ने बड़ा एक्शन लिया है। मंगलवार को पार्टी की ओर से शो कॉज नोटिस जारी किया गया है जिसमें सुधाकर सिंह से नीतीश कुमार के खिलाफ टिप्पणी करने पर 15 दिनों में जवाब मांगा गया है। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बेवजह की बयानबाजी और अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी गठबंधन धर्म के खिलाफ बोलेंगे उन पर कार्रवाई होगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के कहने पर राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सुधाकर सिंह को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है। सुधाकर सिंह अपने बयानों से आरजेडी, गठबंधन को असहज कर रहे थे।
इधर, नोटिस जारी होने के बाद बिहार बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए नीतीश के दवाब में तेजस्वी यादव ने सुधाकर सिंह को नोटिस दिया है। हिम्मत है तो उनको पार्टी से क्यों नहीं निकालते। उनको बस बलि का बकरा बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिवानंद तिवारी, भाई वीरेंद्र पर क्यों नहीं एक्शन ले रहे? शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को क्यों नहीं हटा रहे। सिर्फ आई वॉश के लिए सुधाकर सिंह पर एक्शन ले रहे।
जेडीयू ने कहा आरजेडी का अंदरूनी मामला॥
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि आरजेडी द्वारा प्रथम दृष्ट्या स्वीकार की गई कि सुधाकर सिंह ने अनुशासन तोड़ा है। यह आरजेडी का अंदरूनी मामला है। ऐसे लोग जो गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन करते हैं, उनपर कार्रवाई करने के लिए आरजेडी नेतृत्व सक्षम है। बिहार में गैर बीजेपी दलों की एकजुटता नेतृत्व और नीतियों की बदौलत हुआ है। जो देश के सामने नजीर है। सुधाकर सिंह अपने स्वहित के लिए गठबंधन पर लगातार सवाल उठा रहे थे।
पत्र में महागठबंधन धर्म पर अनुशासन तोड़ने की बात॥
बता दें कि आरजेडी के विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पिछले कुछ दिनों से लगातार बिहार सरकार और सीएम नीतीश पर हमला कर रहे थे। जेडीयू की तरफ से इनके ऊपर लगातार एक्शन लेने की बात कही जा रही थी। सुधाकर सिंह को आरजेडी की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस में सुधाकर सिंह द्वारा गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन करने और आपत्तिजनक बयान से आरजेडी के बड़े वर्ग को आहत करने की बात कही गई है। पत्र में लिखा गया है कि आपके बयान लगातार उन ताकतों को बल देते हैं जो संविधान को रौंदकर न्याय सौहार्द और समानता की पैरोकारी को समाप्त करना चाहते हैं। आरजेडी संविधान की धारा 35 के नियम 22 के तहत आप कृपया 15 दिनों के अंदर यह स्पष्टीकरण दें कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दिकी ने उनको नोटिस जारी किया है।