New Delhi

कोर्ट ने डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल से छेड़छाड़ के आरोपी को दी जमानत।

Court grants bail to man accused of molesting DCW chief Swati Maliwal.

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) प्रमुख स्वाति मालीवाल से कथित छेड़छाड़ करने और उन्हें घसीटने के आरोपी व्यक्ति को शनिवार को यह कहते हुए जमानत दे दी कि मौजूदा अवस्था में आरोपी के खिलाफ समय पूर्व सुनवाई करना अनुचित होगा। मालीवाल ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि जब वह रात में जांच के लिए गई थीं तो नशे में धुत एक व्यक्ति ने उनसे छेड़छाड़ की और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बाहर अपनी कार से 10-15 मीटर तक घसीटा और उनका हाथ वाहन की खिड़की में फंसा रहा। कोटला मुबारकपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई और आरोपी हरीश चंदर (47) को गिरफ्तार कर लिया, जिसे बाद में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संघमित्रा ने कहा, ‘‘…मेरा विचार है कि अभियुक्त को सलाखों के पीछे रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा। इसके बाद, आरोपी हरीश चंदर को 50,000 रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत राशि पर जमानत दे दी गई।’’ अदालत ने कहा कि जमानत की अन्य शर्तों में चंदर को इस तरह का अपराध नहीं करना, सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करना, आवश्यकता पड़ने पर जांच में शामिल होना, अपना पता और फोन नंबर देना और शिकायतकर्ता, उसके परिवार के सदस्यों एवं अन्य गवाहों से सीधे या परोक्ष रूप से संपर्क नहीं करना या धमकी नहीं देना शामिल है।

पुलिस ने कहा कि चंदर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354 (महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग) और 509 (अपमान करने के इरादे से शब्द, हावभाव या कृत्य करना) और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अदालत ने कहा कि सभी अपराधों में सात साल से कम के कारावास का प्रावधान है और आईपीसी की धारा 354 को छोड़कर सभी अपराध प्रकृति में जमानती हैं।

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