Uttar Pradeshआस्था

यूपी- राम मंदिर के लिए नेपाल से आई शालिग्राम शिला गोरखपुर से अयोध्या रवाना, गोरखनाथ मंदिर में हुई पूजा।

UP: 2 Shaligram stones for Ram Mandir reach Gorakhpur from Nepal.

लखनऊ। नेपाल की शालिग्रामी (काली गंडकी) नदी से निकालकर लाए जा रहे विशाल शालिग्राम शिला उत्तर प्रदेश पहुंच गए हैं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रात्रि विश्राम के बाद आज ये शिला यात्रा अयोध्या के लिए रवाना हो गई है। गोरखनाथ मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद सुबह पूरे विधि-विधान से पूजा पाठ किया गया और इसके बाद शिला यात्रा को गोरखपुर से अयोध्या के लिए रवाना किया गया।

नेपाल से 26 जनवरी को शुरू हुई शिला यात्रा अयोध्या पहुंचकर संपन्न होगी। नेपाल की शालिग्रामी नदी से छह करोड़ साल से अधिक पुराने दो विशाल शालिग्रामी पत्थर ट्रक के जरिये अयोध्या ले जाए जा रहे हैं। एक पत्थर से भगवान श्रीराम के बाल्यकाल की प्रतिमा का निर्माण होगा जिसकी लंबाई पांच से साढ़े पांच फीट के बीच होगी। दूसरे शालिग्रामी पत्थर से माता जानकी की प्रतिमा का निर्माण होगा।

शिला यात्रा का नेतृत्व कर रहे राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि मेरे लिए ये बहुत ही भावनात्मक क्षण हैं। कामेश्वर चौपाल ने कहा कि नेपाल से बिहार तक, यात्रा जहां से भी गुजर रही थी, रास्ते में जगह-जगह भारी भीड़ उमड़ रही थी। उन्होंने कहा कि जब हम जनकपुर से बिहार की सीमा में आ रहे थे, भावनाओं का ज्वार देख कई बार ऐसा लगता था जैसे मेरा कलेजा फट जाएगा। कामेश्वर चौपाल ने कहा कि कई बार मैं चुपचाप आकर गाड़ी में बैठ जाता था।

चौपाल ने कहा कि अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, महंत अवैद्यनाथ जैसे महापुरुषों को याद कर रहा था। कामेश्वर चौपाल ने कहा कि सीता बिहार की बेटी हैं और लोगों का भाव ऐसा कि अगर हम कठोर होकर शिला लेकर वहां से गाड़ी नहीं निकालते तो निकल ही नहीं पाते। गौरतलब है कि साल 1989 में राम जन्मभूमि आंदोलन में शिलादान कर पहली कारसेवा करने वाले कामेश्वर चौपाल राम मंदिर ट्रस्ट के एक मात्र दलित सदस्य हैं।

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