नई दिल्ली। भारत के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सलीम दुर्रानी का 88 साल की उम्र में निधन हो गया। वह कैंसर से जूझ रहे थे। सलीम ने गुजरात के जामनगर में आखिरी सांस ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सलीम दुर्रानी के निधन पर दुख जताया है। उनके परिवार के निकट सूत्रों ने उनकी निधन की सूचना की पुष्टि की। सलीम दुर्रानी अपने छोटे भाई जहांगीर दुर्रानी के साथ गुजरात के जामनगर में रह रहे थे। उनका इस साल जनवरी में जांघ की हड्डी टूट जाने के बाद ऑपरेशन हुआ था।
दुर्रानी का 88 वर्ष की उम्र में रविवार को निधन हो गया । प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा,‘सलीम दुर्रानी जी महान क्रिकेटर थे और अपने आप में एक संस्थान थे । उन्होंने विश्व क्रिकेट में भारत के उत्थान में अहम योगदान दिया । मैदान के भीतर और बाहर वह अपनी शैली के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से दुखी हूं । उनके परिवार और दोस्तों को सांत्वना । ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे ।’ गुजरात के साथ दुर्रानी के करीबी और मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने कई साल गुजरात और सौराष्ट्र के लिए खेला और प्रदेश में अपना घर भी बनाया । उन्होंने कहा ,‘मुझे उनसे बात करने का मौका मिला और मैं उनकी बहुमुखी प्रतिभा से काफी प्रभावित रहा । उनकी कमी निश्चित तौर पर खलेगी ।’ दुर्रानी अपने छोटे भाई जहांगीर दुर्रानी के साथ जामनगर में रहते थे ।
पीएम मोदी ने सलीम दुर्रानी के साथ साझा की कुछ खास यादें॥
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महान क्रिकेटर सलीम दुर्रानी के निधन पर शोक तो व्यक्त किया है। लेकिन उसके साथ-साथ उन्होंने सलीम के साथ अपनी कुछ सुखद यादें भी ताजा की हैं। मोदी जी ने अपनी और सलीम की कुछ तस्वीरें ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है कि, ‘मुझे कई मौकों पर महान सलीम दुर्रानी जी से बातचीत करने का अवसर मिला। ऐसा ही एक अवसर था जनवरी 2004 में जामनगर के एक कार्यक्रम में, जिसमें महान क्रिकेटर वीनू मांकड़ जी की प्रतिमा का उद्घाटन किया गया था।’
सलीम दुर्रानी पहले ऐसे क्रिकेटर थे, जिन्हें अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया था। उन्हें यह सम्मान 1960 में मिला था। सलीम दुर्रानी भारत के लिए 29 टेस्ट खेल चुके, जिसमें उन्होंने एक शतक और सात अर्धशतक की मदद से 1202 रन बनाए थे। साथ ही 75 विकेट भी लिए थे।
सलीम का जन्म 11 दिसंबर 1934 को अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था। हालांकि, जब वह सिर्फ आठ वर्ष के थे तब उनका परिवार पाकिस्तान के कराची जाकर बस गया था। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय दुर्रानी का परिवार भारत आ गया था। धीरे-धीरे सलीम की क्रिकेट में दिलचस्पी बढ़ी। 1960-70 के दशक में सलीम ने अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से पहचान बनाई थी। वह भारत के दिग्गज ऑलराउंडर्स में से एक रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि मैच में जब भी फैंस सलीम से छक्का लगाने की मांग करते थे, वह छक्का जड़ देते थे। इसी तरह सलीम फैंस के खास बन गए थे।