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काशी विद्यापीठ में देश का पहला म्यूजिक थेरैपी लैब शुरू, संगीत के सुरों से होगा इन बीमारियों का इलाज।

Country's first music therapy lab started in Kashi Vidyapeeth in Varanasi.

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अब मानसिक बीमारियों का इलाज संगीत से होगा। शुक्रवार को मनोविज्ञान विभाग में सेंटर फॉर वेल बीइंग के तहत देश की पहली संगीत लैब ( म्यूजिक थेरैपी लैब) शुरू हो गई। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मनोवैज्ञानिक निर्देशन परामर्श, अनुसंधान केंद्र तथा संगीत चिकित्सा प्रयोगशाला व शोध केंद्र का उद्घाटन किया।

देश के इस पहले म्यूजिक थेरेपी सेल एंड रिसर्च सेंटर में मरीजों का इलाज दवा या इंजेक्शन नहीं बल्कि संगीत के रागों से होगा। डॉ. दुर्गेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि एक्टिव म्यूजिक रूम और रिसेप्टिव म्यूजिक थेरेपी रूम के जरिये थेरेपी की जाएगी। पहले चरण में विश्वविद्यालय के अध्यापक, छात्र व कर्मचारियों के लिए संगीत की थेरेपी शुरू होगी।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत हुई शुरुआत॥

इससे अवसाद, तनाव सहित अन्य मानसिक बीमारियों का इलाज हो सकेगा। इस केंद्र की शुरुआत सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत हुई है। दोनों केंद्रों के माध्यम से परामर्श एवं संगीत चिकित्सा प्रदान की जाएगी। इन केंद्रों के माध्यम से विश्वविद्यालय के पीजी डिप्लोमा इन साइकोथेरेपी काउंसलिंग एंड गाइडेंस, स्नातक एवं स्नातकोत्तर के सभी विद्यार्थियों को परामर्श, संगीत चिकित्सा आदि का कौशल भी सिखाया जाएगा।

केंद्र से प्रशिक्षित होकर निकले विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में परामर्श देंगे। इन केंद्रों का समन्वयन डॉ. मुकेश कुमार पंथ और डॉ. दुर्गेश कुमार उपाध्याय करेंगे। कुलपति प्रो. एके त्यागी ने दोनों प्रकोष्ठ का फीता काटकर विधिवत उद्घाटन किया। इस दौरान कुलसचिव हरीश चंद, परीक्षा नियंत्रक प्रो. बंशीधर पांडेय, कुलानुशासक प्रो. अमिता सिंह, विभागाध्यक्ष प्रो. रश्मि सिंह, प्रो. शेफाली वर्मा ठकराल मौजूद रहीं।

हर राग का है अपना अलग महत्व॥

संगीत केवल मन को ही सुकून नहीं देता है, तन और मन के रोगों को भी दूर करता है। इसमें हर राग का अपना अलग-अलग महत्व है। सुबह के समय राग भैरवी, दोपहर में तोड़ी और शाम को राग जय-जयवंती का अलग ही प्रभाव है।

शास्त्रीय संगीत, उपशास्त्रीय और लोकसंगीत से होगा इलाज॥

विभागाध्यक्ष प्रो. रश्मि सिंह ने बताया कि संगीत से रक्तचाप, दिल की बीमारियों, थकान और तनाव में राहत के साथ-साथ एकाग्रता भी बढ़ती है। हर राग, ताल और संगीत में रोग को मिटाने की क्षमता होती है। यदि रात में नींद न आए तो मधुर संगीत सुनें। केंद्र में मरीजों का इलाज विशुद्ध शास्त्रीय संगीत, उपशास्त्रीय संगीत और लोक संगीत के साथ ही बॉलीवुड के शास्त्रीय रागों पर आधारित संगीत से किया जाएगा।

राग और इलाज॥

  • पूरिया धनाश्री- अनिद्रा
  • मालकौंस- तनाव
  • शिवरंजनी-मन को सुखद अनुभूति
  • मोहिनी- आत्मविश्वास बढ़ाता है
  • भैरवी- ब्लड प्रेशर और तंत्रिका तंत्र पर नियंत्रण
  • पहाड़ी-स्नायु तंत्र को बेहतर
  • दरबारी कान्हड़ा- तनाव दूर
  • अहीरभैरव व तोड़ी- उच्च रक्तचाप
  • कान्हड़ा- अस्थमा
  • भैरवी- साइनस
  • तोड़ी-सिरदर्द व क्रोध

शासन ने दी थी मंजूरी॥

शासन ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत काशी विद्यापीठ के मनोविज्ञान विभाग में म्यूजिक थेरेपी सेल एंड रिसर्च सेंटर के शुरुआत के लिए मंजूरी दी थी। म्यूजिक थेरेपी और शोध केंद्र के लिए शासन ने 5.40 लाख का बजट भी जारी किया था।

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