कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पेसीएम नाम से जो पोस्टर वार शुरू की थी वह अब मध्य प्रदेश भी पहुँच चुकी है। हाल ही में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने मध्य प्रदेश का दौरा भी किया था। संभवतः अपने दौरे के दौरान वह प्रदेश कांग्रेस को कुछ चुनावी टिप्स भी देकर गये होंगे। हालांकि मध्य प्रदेश में जो पोस्टर लगाये गये हैं उसके बारे में कांग्रेस का कहना है कि यह भ्रष्टाचार से परेशान जनता ने लगाये हैं।
इस बीच, PhonePe ने एक ट्वीट करके कहा है कि हमारा किसी राजनीतिक पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। कंपनी ने अपने रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क के अनधिकृत उपयोग के खिलाफ चेतावनी देते हुए सभी से आग्रह भी किया है कि इस संबंध में जारी किये गये पोस्टर और बैनर हटा लिये जायें।
आपको बता दें कि यह पोस्टर वार ऐसे समय शुरू हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी के आगमन से एक दिन पहले भोपाल एवं इंदौर सहित मध्य प्रदेश के कई शहरों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विवादित पोस्टर चिपके हुए मिले। इन पोस्टरों में चौहान की फोटो लगाकर उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए लिखा गया है कि ‘50 प्रतिशत लाओ और काम कराओ’। साथ ही लिखा गया है कि भुगतान: ‘फोनपे’ से करो। हालांकि, इन पोस्टरों को किसने लगाया है, अब तक पता नहीं चल पाया है। भाजपा ने इन पोस्टरों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया, जबकि कांग्रेस ने कहा कि भ्रष्टाचार से परेशान लोग इन्हें लगा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, सीहोर, रीवा, मंदसौर, उज्जैन, भिंड, बालाघाट, बुधनी और अन्य शहरों में लगे इन पोस्टरों के वीडियो साझा किए। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शहर के नामों के साथ इन पोस्टरों को साझा किया। इन पोस्टरों में क्यूआर कोड और चौहान की तस्वीर है, जिस पर लिखा है- ‘50 प्रतिशत लाओ, काम कराओ’। भुगतान करने को लिखा गया है: ‘फोनपे’ (करो)।
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट में कांग्रेस ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह क्षेत्र बुदनी में उनके बेटे कार्तिकेय के नाम के पार्क में लगे शिवराज के भ्रष्टाचार के पोस्टर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के गृह क्षेत्र में चिपके शिवराज के भ्रष्टाचार के पोस्टर।’’ भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर तंज कसते हुए कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा, ‘‘सड़कों पर शिवराज का भ्रष्टाचार। ‘50 प्रतिशत लाओ, फ़ोन पे (करो), काम कराओ’। मध्य प्रदेश की जनता जानती है। 50 प्रतिशत कमीशनखोरों को पहचानती है।’’ हम आपको यह भी याद दिला दें कि तीन दिन पहले 23 जून को भोपाल में मुख्यमंत्री चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ शुक्रवार को भोपाल में पोस्टर चिपके मिले थे, जिससे इन दोनों दलों में जुबानी जंग छिड़ गई थी।
वैसे तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया है कि भोपाल में ये पोस्टर किसने लगाए हैं। यह सब तब शुरू हुआ जब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ शुक्रवार को भोपाल शहर के शाहपुरा इलाके में विवादित पोस्टर चिपके मिले, जिसमें उन्हें ‘वांछित’ और ‘भ्रष्ट’ बताया गया। कमलनाथ की तस्वीर वाले इन पोस्टरों में स्कैन कोड भी लगे थे और लिखा था ‘‘स्कैम से बचने के लिए स्कैन करें’’ और ‘‘भ्रष्ट नाथ’’ के कांड जानें। इसके अलावा, इन पोस्टरों में आरोप लगाया गया है कि कमलनाथ ने करोड़ों रुपये के घोटाले किए हैं।
कमलनाथ के खिलाफ इन पोस्टरों के सामने आने के कुछ ही देर बाद मुख्यमंत्री चौहान की तस्वीर वाले दो विवादित पोस्टर भोपाल में कांग्रेस कार्यालय से कुछ ही दूरी पर व्यस्त लिंक रोड पर लगे हुए मिले। इन पोस्टरों में से एक पर लिखा था,- ‘‘शिवराज नहीं, घोटाला राज’’ और दूसरे पर लिखा था- ‘‘शिवराज के 18 साल, घपले और घोटालों की भरमार।’’ इन पोस्टरों के लगने के बाद मध्य प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया था।