पंजाब के मोगा में आम आदमी पार्टी (AAP) ने इतिहास रच दिया है। प्रदेश में पहली बार पार्टी को मेयर मिला है। सत्तारूढ़ दल ने मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव जीत लिया और कांग्रेस की नितिका भल्ला को मेयर पद से हटा दिया गया। नगर निगम (एमसी) की हाउस बैठक के दौरान 50 में से 48 पार्षद बैठक में शामिल हुए। आम आदमी पार्टी की मोगा विधायक डॉ. अमनदीप कौर अरोड़ा का कहना है कि 48 पार्षदों में से 41 ने उनकी पार्टी के पक्ष में वोट किया। भल्ला को सिर्फ छह पार्षदों का समर्थन मिला, जबकि 2 पार्षद अनुपस्थित रहे।
बताया गया है कि 41 पार्षदों में से 32 आम आदमी पार्टी से हैं और 9 अन्य दलों से हैं जिन्होंने सत्तारूढ़ दल को समर्थन दिया है। 7 जून को 42 पार्षदों ने भल्ला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर नगर निगम के संयुक्त आयुक्त को सौंप दिया था। बीत सप्ताह पार्षदों ने सीनियर डिप्टी मेयर परवीन कुमार शर्मा, डिप्टी मेयर अशोक धमीजा और वित्त एवं अनुबंध समिति (एफएंडसीसी) के खिलाफ एक और अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
साल 2021 में मोगा नगर निगम के 50 वार्डों के लिए चुनाव हुए थे। कांग्रेस को 20 सीटें मिली थीं, जबकि शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) को 15 सीटें मिली थी। अन्य 10 सीटें निर्दलीयों ने जीती थीं, जबकि चार AAP और 1 बीजेपी ने जीती थी। दस निर्दलियों ने तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस का समर्थन किया था और भल्ला मोगा की पहली महिला मेयर चुनी गईं थीं। चूंकि AAP ने विधानसभा चुनाव जीता है, कांग्रेस, SAD और बीजेपी के 32 पार्षद आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं, जिससे पार्टी की आधिकारिक संख्या 36 हो गई है।
AAP ने कहा, मोगा में ठप हो गया था विकास का काम॥
मोगा विधायक डॉ. अमनदीप कौर अरोड़ा का कहना है कि जब से आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आई है मोगा में विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए क्योंकि मौजूदा मेयर कोई दिलचस्पी नहीं ली। सरकार AAP की है इसलिए लोग शिकायत कर रहे थे कि विकास कार्य नहीं किए जा रहे हैं। अब विकास कार्यों में तेजी आएगी। बता दें कि साल 2015 में मोगा शहर के निवासियों ने पहले नगर निगम सदन के लिए वोटिंग की थी। अक्षित जैन को मोगा के पहले मेयर के रूप में चुना गया था। वह पूर्व शिरोमणि अकाली दल विधायक जोगिंदर पाल जैन के बेटे हैं।