जेईई एडवांस्ड की परीक्षा में टॉप 2000 रैंक लाने वाले अभ्यर्थियों का ही एडमिशन आईआईटी में हो पाता है। यही वजह है कि यहां से पासआउट होने वाले छात्रों को करोड़ों रुपये का पैकेज मिलता है। वहीं, यहां के छात्र नई तकनीकि को विकसित करने, रिसर्च सहित अन्य क्षेत्रों में अपना परचम लहराते हैं। आईआईटी से निकले छात्र संस्थानों की बेहतरी के लिए करोड़ों रुपये का दान भी करते हैं। ऐसी खबरें अक्सर सुर्खियों में भी रहती हैं। लेकिन इसी बीच आईआईटी बॉम्बे के एक गुमनाम एल्युमिनी ने संस्थान को 160 करोड़ रुपए दान किए हैं। जिसके बाद से लोग छात्र को ‘बड़ा दिल’ वाला बता रहे हैं। साथ ही लोग छात्र के बारे में भी जानना चाहते हैं, लेकिन अभी तक जानकारी सामने नहीं है आई है कि आखिर वह छात्र है कौन?
दान के पैसों से होगा ये काम॥
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- बॉम्बे (आईआईटी बॉम्बे) के इतिहास में यह पहली बार है जब कोई गुमनाम डोनर मिला है। संस्थान की तरफ से मीडिया में दी गई जानकी के मुताबिक आईआईटी बॉम्बे के एक गुमनाम पूर्व छात्र ने 160 करोड़ रुपये का दान किया है। पूर्व छात्र की तरफ से नाम को गुप्त रखने अनुरोध किया गया है। आईआईटी बॉम्बे के अधिकारियों मुताबिक गुमनाम पूर्व छात्र परिसर में ग्रीन एनर्जी और सस्टेनेबिलिटी रिसर्च हब स्थापित करने के लिए दान किया है।
उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा॥
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बॉम्बे, बैटरी टेक्नोलॉजी, सौर फोटोवोल्टिक्स, जैव ईंधन, स्वच्छ वायु विज्ञान, बाढ़ की भविष्यवाणी और कार्बन उत्सर्जन सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान में मदद करेगा। आईआईटी बॉम्बे प्रशासन द्वारा यह कहा गया है कि इस अनुसंधान केंद्र से अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और व्यवसायों के साथ रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप शैक्षिक प्रशिक्षण भी प्राप्त होगा।
बजट में कटौती के वक्त मिला है आईआईटी बॉम्बे को दान॥
आईआईटी बॉम्बे इस वर्ष बजट में कटौती कर रहा है। ऐसे में इस वक्त मिले दान से संस्थान को फंड की कमी नहीं होगी। संस्थान की तरफ से दान का उपयोग परिसर के हरित ऊर्जा और स्थिरता अनुसंधान केंद्र (जीईएसआर) को लॉन्च करने के लिए किया जाएगा। इसका अधिकांश भाग अनुसंधान के लिए अलग रखा जाएगा।