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यूपी में अब बच्चा नहीं आया स्कूल तो टीचर पहुंच जाएंगे घर, छात्रों की अटेंडेस बढ़ने पर जोर।

UP: If child does not come to school, teacher will reach home.

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार इस ओर ध्यान दे रही है। एक ओर जहां विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से हो सके और अध्यापक स्कूलों में उपस्थित रहे उसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत टीचरों की ऑनलाइन अटेंडेंस की व्यवस्था की गई है। वहीं छात्रों की भी उपस्थिति स्कूल में सुनिश्चित करने के लिए अहम कदम उठाया जा रहा है।

दरअसल हाल ही में बेसिक शिक्षा विभाग ने प्राइमरी विभाग में कार्यरत टीचरों को रोजाना ऑनलाइन माध्यम से अपनी अटेंडेंस लगाने की गाइडलाइन जारी की थी। वहीं अब परिषदीय स्कूलों में प्रतिदिन औसतन 60 प्रतिशत विद्यार्थियों के उपस्थित होने को लेकर चिंता जताई है। ऐसे में विभाग ने परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने पर अपना ध्यान दिया और इस ओर कदम बढ़ाए हैं।

स्कूल नहीं आने वाले छात्रों की तैयार होगी लिस्ट॥

शिक्षा विभाग के अनुसार अब स्कूलों में उन छात्रों की लिस्ट तैयार की जाएगी जो अक्सर किसी न किसी कारण से स्कूल नहीं आते हैं। जिसके बाद लगातार तीन दिन तक स्कूल नहीं आने पर शिक्षकों को छात्रों के अभिभावकों को फोन कर इसकी जानकारी देनी होगी। वहीं अगर कोई छात्र लगातार छह दिनों तक स्कूल नहीं आया तो फिर टीचर को उस छात्र के घर जाकर अभिभावक से पूछताछ करनी होगी।

स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाए जाने पर जोर॥

इसके साथ ही कहा जा रहा है कि अगर कोई छात्र अपने छोटे भाई-बहन की देखरेख के कारण स्कूल नहीं जा पा रहा है तो उनके भाई-बहनों को आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा अगर कोई छात्र खेती और घर के कामों के कारण स्कूल नहीं जा रहा तो इस स्थिति में टीचर्स उन छात्रों को अभिभावकों को शिक्षा का महत्व समझाएंगे. फिलहाल स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाए जाने को लेकर निर्देश दिया है।

बेहतर काम करने पर किया जाएगा सम्मानित॥

आंकड़ों के अनुसार अभी राज्य में कुल 1.91 करोड़ विद्यार्थियों में से सिर्फ 60 प्रतिशत छात्र ही पढ़ाई करने जा रहे हैं। शिक्षा विभाग ने 10 प्रतिशत उपस्थिति बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। वहीं दूसरी ओर स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने वाले स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को हर महीने ब्लाक व जिला स्तर पर होने वाली बैठक में सम्मानित किया जाएगा।

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