Uttar Pradesh

आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका, जौहर ट्रस्ट जमीन मामले में हस्तक्षेप से किया इंकार, हाईकोर्ट को केस ट्रांसफर।

SC asks Allahabad HC to "urgently" hear plea against UP Govt's decision to take over land of Muhammad Ali Jauhar University.

नई दिल्ली। सपा नेता आजम खान के जौहर विश्वविद्यालय मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय से कहा कि वह मौलाना मुहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को आवंटित भूमि वापस लेने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफदायर याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करें।

जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

28 जनवरी को उत्तर प्रदेश सरकार ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान का पट्टा रद्द कर दिया और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को दी गई 13,000 वर्ग मीटर से अधिक जमीन वापस लेने का फैसला किया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत के लिए अपनी याचिका के साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने की छूट दी है और और स्पष्ट किया कि इस पर योग्यता के आधार पर विचार किया जाएगा। अदालत ने यह भी साफ किया कि याचिकाओं को अत्यावश्यक के रूप में दिखाया जाएगा और उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में फैसला कुछ समय पहले सुरक्षित रखा गया था। मामले को सुरक्षित रखने वाले न्यायाधीशों में से एक को कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया और इस प्रकार कार्यवाही एक नई पीठ के समक्ष सुनी जाएगी।

जानें क्या है पूरा मामला?

28 जनवरी को योगी कैबिनेट के फैसले के बाद सरकार ने 100 रुपये सालाना की लीज रद्द कर दी और संस्थान की करीब 13 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली बिल्डिंग और जमीन को सरकारी नियंत्रण में लेने का आदेश दिया। जिला प्रशासन ने जौहर शोध संस्थान परिसर को सील कर अल्पसंख्यक विभाग को सौंप दिया है। मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के लिए 33 साल के लिए 100 रुपये सालाना लीज पर जमीन इस प्रावधान के साथ ली थी कि लीज की अवधि 33-33 साल के लिए दो बार बढ़ाई जा सकती है।

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