गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि वर्तमान में 142 करोड़ देशवासियों का लक्ष्य देश को विकसित और दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव में दिए गए पंच प्रण ही विकसित और आत्मनिर्भर भारत का मार्ग हैं।
मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 91वें संस्थापक सप्ताह समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के अमृत वर्ष में पंच प्रण की राह पर चलने का लक्ष्य दिया है। पंच प्रण यानी गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, विरासत का सम्मान, महापुरुषों, लोक कलाओं-परम्पराओं पर गौरव, एकता का संकल्प और नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन। देश की 142 करोड़ आबादी अगर पंच प्रण के अनुरूप राष्ट्र प्रथम की भावना से काम करे तो विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने और देश को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनने से कोई नहीं रोक सकता।
अपनी जिम्मेदीरियों का निर्वहन करें- सीएम योगी
योगी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि वर्तमान समय में जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर वही लोग बांटना चाहते हैं, जो भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में नहीं देखना चाहते। उन्होंने देश के 142 करोड़ लोगों से एकजुट रहने एवं विखंडन की खाई को चौड़ा नहीं होने देने का आह्वान करते हुए कहा कि अगर हर व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निवर्हन करे तो देश पंच प्रण के लक्ष्यों की ओर तेजी से अग्रसर होगा। योगी ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की शोभायात्रा को अनुशासन और रचनात्मकता की झलक देने वाली बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यहां के विद्यार्थी एवं शिक्षक इस परिषद को देश की अग्रणी शैक्षिक सेवा प्रकल्प बनाते हुए राष्ट्रीय कर्तव्यों का निर्वहन करते रहेंगे।
हमें अपने कर्तव्य पथ से पीछे नहीं हटना है- वीके सिंह
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्थापक सप्ताह समारोह की शुरुआत के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री वी.के. सिंह ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हम कोई भी काम जब अपने नाम के लिए करते हैं तो नाम के जज्बे से सफलता जरूर मिलती है। नाम की चाह खुद में एक प्रेरणा है। महाराणा प्रताप का नाम याद करते ही यह प्रेरणा मिलती है कि हमें कभी अपने कर्त्तव्य पथ से पीछे नहीं हटना है और किसी भी बाधा से घबराना नहीं है। किसी भी व्यक्ति में यदि महाराणा प्रताप जैसे ये दो गुण हो तो उसे सफलता की ऊंचाई छूने से कोई नहीं रोक सकता।