नई दिल्ली। हिट एंड रन केस के लिए नए कानून को लेकर सरकार और ट्रांसपोर्टरों में सुलह हो गई है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच हुई बातचीत सफल हुई है। ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा है कि ट्रक ड्राइवर अपनी हड़ताल वापस लें और काम पर लौट आएं। ट्रांसपोर्ट संगठन ने देशभर के ड्राइवरों से हड़ताल वापस लेने को कहा है। सरकार की तरफ से संगठन को आश्वसान दिया गया है कि फिलहाल कानून को लागू नहीं किया जाएगा और जब भी इसे लागू किया जाएगा तो संगठन से चर्चा की जाएगी। इसके बाद ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने ड्राइवरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की है।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने बताया कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) से 10 साल की सजा वाले कानून पर चर्चा हुई है। ये कानून अभी लागू नहीं हुआ है। हम इसे लागू करने से पहले (All India Motor Transport Congress) से चर्चा करेंगे और इसके बाद ये लागू किया जाएगा।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृत लाल मदान ने कहा, आप सिर्फ ड्राइवर नहीं हैं, आप हमारे सैनिक हैं। हम नहीं चाहते कि आपको किसी असुविधा का सामना करना पड़े। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 साल की सजा और जुर्माने कानून को फिलहाल रोक दिया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की अगली बैठक होने तक कोई कानून लागू नहीं किया जाएगा।
वही अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के चेयरमैन बाल मलकीत सिंह ने कहा कि ड्राइवर आपकी चिंता, हमारी चिंता है। हमने 28 दिसंबर को ही प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर लेटर लिखा था, लेकिन अक्सर देखा जाता है कि सरकार सही समय पर संज्ञान नहीं लेती। आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि धारा 106 (2) में 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान वाला कानून लागू नहीं हुआ है। हम आश्वासन देते हैं कि आगे भी ये कानून लागू नहीं होने देंगे।
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगों के हवाले से बताया कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब में कुछ पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ के कारण ईंधन खत्म हो गया है। वहीं इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला, कुल्लू-मनाली, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, ऊना और शिमला में कई ग्राहकों को ईंधन खत्म होने की वजह से लौटा दिया गया। दरअसल पेट्रोल खत्म खत्म होने की आशंका पैदा हो गई है। इससे कई पेट्रोल पंपों पर भीड़ लग गई थी।
क्या है हिट एंड रन कानून॥
हिट एंड रन केस में अगर ड्राइवर एक्सीडेंट के बाद फरार हो जाता है और हादसे में किसी की मौत हो जाती है तो ड्राइवर को दस साल की कैद की सजा का प्रावधान है। सजा के साथ जुर्माना भी भरने का प्रावधान है। नए कानून में ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई वाले प्रावधान को लेकर ड्राइवर विरोध कर रहे। आइए जानते हैं क्या है ‘हिट एंड रन’ का नया कानून।
हिट एंड रन का सीधा सा अर्थ है कि दुर्घटना के बाद ड्राइवर का गाड़ी के साथ मौके से भाग जाना। अगर किसी गाड़ी से किसी को टक्कर लग गई घायल की मदद करने के बजाय ड्राइवर गाड़ी को लेकर फरार हो जाता है तो ऐसे केस हिट एंड रन में गिने जाते हैं। हिट एंड रन के पुराने कानून के मुताबिक ऐसे मामलों में ड्राइवर को जमानत भी मिल जाती थी और अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान था। कई बार हम देखते हैं कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अगर एक्सीडेंट करने वाला समय पर अस्पताल पहुंचा देता है तो उसकी जान बच जाती है। हालांकि, एक्सीडेंट के बाद मौके से भागने के केस को हिट एंड रन कहा जाता है। ऐसी ही केस में सख्ती का प्रावधान किया गया है।
भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन कानून में जो नए प्रावधान हैं, उसके मुताबिक अगर गाड़ी ड्राइवर हादसे के बाद पुलिस को सूचना दिए बिना फरार होता है तो उसे 10 साल की सजा होगी। इसके साथ ही भारी जुर्माना भी वसूला जाएगा। इस कड़े प्रावधान का देशभर के ट्रक, ट्रेलर, बस, लोकपरिवहन और टैक्सी ड्राइवर विरोध कर रहे हैं। उत्तर भारत के कई राज्यों में इस नए कानून के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं और हाइवे जाम किए जा रहे हैं।
हर साल देश में 50 हजार लोगों की मौत॥
दुर्घटना के आंकड़े बताते हैं कि हिट एंड रन के मामलों में हर साल देश में 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है। मौतों के इन आंकड़ों को देखते हुए ड्राइवरों पर सख्ती करते हुए नए कानून में सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं।
नए कानून का विरोध करने वाले ड्राइवर का कहना है कि अगर दुर्घटना के बाद वे मौके से फरार होते हैं तो उन्हें 10 साल की सजा हो जाएगी। अगर वे मौके पर ही रुक जाते हैं तो भीड़ उन पर हमला करके पीट पीट कर मार देगी। ड्राइवरों के लिए आगे कुआं और पीछे खाई वाली स्थिति हो गई। यह बात सही भी है कि कई बार उग्र भीड़ हिंसक रूप ले लेती है और मामला मॉब लिंचिंग का रूप ले लेता है।