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पुणे में गैंगस्टर शरद मोहोल की दिनदहाड़े मर्डर, गैंग के लोगों ने ही गोली मारकर ली जान; 8 लोग हिरासत में।

Gangster Sharad Mohol shot dead by own gang members in Pune, 8 suspects caught.

पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में गैंगस्टर शरद मोहोल की कथित तौर पर उसके ही गिरोह के कुछ सदस्यों ने शुक्रवार दोपहर गोली मारकर हत्या कर दी। एक अधिकारी ने बताया कि पुणे-सतारा रोड पर एक वाहन से आठ संदिग्धों को पकड़ा गया है और उनके पास से तीन पिस्तौल, तीन मैगजीन और पांच राउंड जब्त किए गए हैं।

शुक्रवार को हुआ मर्डर॥

दोपहर करीब 1.30 बजे कोथरुड के सुतारदरा इलाके में तीन से चार हमलावरों ने मोहोल (40) पर काफी नजदीक से गोलियां चला दीं। पुलिस अधिकारी ने कहा, एक गोली उसकी छाती पर मारी गई जबकि और दो गोलियां दाहिने कंधे में लगीं। अधिकारी ने बताया कि कोथरुड के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

मोहोल पर हत्या और डकैती समेत कई मामले दर्ज थे। वह यहां यरवदा जेल के अंदर इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध सदस्य मोहम्मद कतील सिद्दीकी की हत्या से संबंधित मामले में आरोपी था, लेकिन उसे बरी कर दिया गया था। अधिकारी ने कहा कि उसके गिरोह के भीतर जमीन और पैसे को लेकर विवाद छिड़ा हुआ था और यही उसकी मौत का कारण हो सकता है।

गृह मंत्री बोले- ये गैंगवार नहीं

पत्रकारों से बात करते हुए, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि यह कोई गैंगवार नहीं था क्योंकि मोहोल को उसके ही सहयोगियों ने मार डाला। उन्होंने कहा, ‘चूंकि हमारी सरकार जानती है कि ऐसे कुख्यात तत्वों से कैसे निपटना है, इसलिए कोई भी गैंगवार में शामिल होने की हिम्मत नहीं करता.’ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के तहत नौ टीमें गठित की गई हैं।

इन मामलों में आया था मोहोल का नाम॥

मोहोल और उसके गुर्गे आलोक भालेराव पर जून 2012 में इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध सदस्य और आतंकी मामले के संदिग्ध कतील सिद्दीकी की यरवदा जेल में गला घोंटकर हत्या करने का आरोप लगाया गया था। मोहोल और भालेराव दोनों को जून 2019 में पुणे की एक कोर्ट ने बरी कर दिया था। जनवरी 2010 में गैंगस्टर किशोर मारने की हत्या में शरद मोहोल को मुख्य आरोपी बनाया गया था। दत्तवाड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज इस हत्या के मामले में अदालत ने शरद मोहोल और छह सहयोगियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। शरद मोहोल ने सजा के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया था और 2021 में हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी।

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