भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक प्राणी उद्यान सह पशु बचाव केंद्र में गुरुवार की सुबह 36 साल के नर भालू बबलू की मौत हो गई। बबलू पिछले 4-5 दिनों से बीमार था। उसने खाना-पीना भी छोड़ दिया था। वन विहार के वन्यजीव चिकित्सक इसकी स्थिति पर नजर रख रहे थे और इलाज कर रहे थे, लेकिन उम्र ज्यादा होने के कारण इसके आंतरिक अंग कमजोर हो गए थे।
वन विहार के अधिकारियों ने बबलू के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 6 मई 2006 को 19 साल की उम्र में उसे राजस्थान से एक बाजीगर से छुड़ाकर वन विहार लाया गया था। वाइल्डलाइफ एसओएस भालू की देखभाल कर रहा था। इसकी मृत्यु के बाद वन विहार के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में वन्य प्राणी चिकित्सकों द्वारा इसका पोस्टमार्टम किया गया।
मृत्यु का प्राथमिक कारण मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर बताया गया है। पीएम के बाद भालू के शव का पार्क में अंतिम संस्कार कर दिया गया। शव से विसरा के नमूने आगे की जांच के लिए राज्य वन्यजीव फोरेंसिक और स्वास्थ्य पशु चिकित्सा कॉलेज, जबलपुर में जांच के लिए भेजे गए है।
एसओएस वाइल्डलाइफ ने बताया कि बबलू को एक साल पहले ही देश का सबसे बुजुर्ग भालू घोषित किया गया था। आमतौर पर भालू की औसत उम्र 15-20 के बीच ही रहती है, लेकिन अगर इन्हें कैप्टिविटी में रखा जाए तो भालू 25 से 30 वर्ष तक जीवित रहते हैं।