अयोध्या। उत्तर प्रदेश में अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। प्रभु श्रीराम के नयनाभिराम दर्शन के लिए भक्तों को बेसब्री से इंतजार हैं. लेकिन प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की पहली भव्य तस्वीर सामने आई है, जिसमें आप उनके पूर्ण स्वरूप के दर्शन कर सकते हैं। तस्वीर में श्रीराम के चेहरे पर मधुर मुस्कान, माथे पर तिलक और हाथों में धनुष-बाण दिखाई दे रहे हैं। हालांकि ये तस्वीर गर्भगृह में रामलला के विराजमान होने से पहले की है।

गुरुवार को ही रामलला गृभगृह में विराजे हैं और उनकी प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े आयोजन चल रहे हैं। सोमवार को दोपहर 12 बजे के करीब उनकी प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के तौर पर मौजूद रहेंगे। इस भव्य प्रतिमा को अरुण योगीराज ने तैयार किया है। इस बीच उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को एक बार फिर से अयोध्या पहुंचे और 22 जनवरी के आयोजन की तैयारियों का जायजा लिया।
उन्होंने कहा कि अब 22 जनवरी तक लोग यहां न आएं और अपने घरों से ही रामलला के दर्शन करते हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह का हिस्सा बनें। सीएम ने कहा कि 23 जनवरी से लोगों का यहां स्वागत रहेगा और शासन एवं प्रशासन ने पूरी व्यवस्था कर रखी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोग भाव विह्वल हैं और बड़ी संख्या में तो लोग पैदल ही अयोध्या के लिए चले आ रहे हैं। मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं, लेकिन मेरी अपील है कि इस तरह की शीतलहर में पैदल न आएं। आप सभी के आगमन के लिए पूरी व्यवस्था की जा रही है।
सीएम योगी बोले- पैदल न आएं, सबके लिए होगी साधन की व्यवस्था॥
हर जिले एवं अन्य राज्यों तक से बसें चलाई जाएंगी। ट्रेनों आदि की भी व्यवस्था रहेगी। ऐसे में तय कार्यक्रम के तहत ही समय से आएं और रामलला के विधिवत दर्शन करें। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रामलला के स्वागत में पूरे देश में ही उत्सव का माहौल है। अयोध्या में तैयारियां अंतिम चरण में चल रही हैं। मेहमानों के लिए पूरी उमंग और उत्साह के साथ इंतजाम किए गए हैं। बता दें कि रामलला की प्राणा प्रतिष्ठा समारोह के लिए देश भर से 10 हजार लोगों को आमंत्रित किया गया है। इन लोगों में राजनीतिक हस्तियों के अलावा अंबानी, अडानी, टाटा और बिड़ला जैसे दिग्गज कारोबारी शामिल हैं तो वहीं फिल्म और खेल जगत की हस्तियों को भी न्योता दिया गया है।
51 इंच की है रामलला की मूर्ति॥
पहली बार जब रामलला की मूर्ति की तस्वीरें सामने आई थीं, तो वह सफेद कपड़े से ढकी हुई थी। मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार की गई 51 इंच की रामलला की मूर्ति को गुरुवार को तड़के मंदिर में लाया गया था। अरुण योगीराज कर्नाटक के रहने वाले हैं। मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों की पांच पीढ़ियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक डिमांड वाले मूर्तिकार हैं। अरुण वह मूर्तिकार हैं, जिनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सराहना कर चुके हैं। अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं। उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था।
मंत्रोच्चार के साथ रामलला को गर्भगृह में विराजमान॥
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े पुजारी अरुण दीक्षित ने बताया कि गुरुवार दोपहर को रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में विराजमान किया गया था। मंदिर के निर्माण की देखरेख करने वाली संस्था श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार मंत्रोच्चार के साथ रामलला को गर्भगृह में विराजमान किया गया था।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट उडुपी पेजावर मठ के ट्रस्टी श्री विश्वप्रसन्ना तीर्थ ने कहा कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों से उद्घाटन के दिन केवल आमंत्रित अतिथियों को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। 22 जनवरी को राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के बाद अगले दिन मंदिर को जनता के लिए खोले जाने की उम्मीद है।
3.4 फीट ऊंचा है रामललाल का आसन॥
बुधवार रात को क्रेन की मदद से रामलला की मूर्ति को राम मंदिर परिसर के अंदर लाया गया था। इसकी कुछ तस्वीरें भी सामने आई थीं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले उनका आसन भी तैयार किया गया है। रामलला का आसन 3.4 फीट ऊंचा है, जिसे मकराना पत्थर से बनाया गया है।
25 जनवरी से रामलला के दर्शन के लिए होंगे खास इंतजाम॥
बता दें कि अयोध्या में 20 से 22 जनवरी तक आम लोगों के लिए आने पर रोक लगाई गई है। इस दौरान प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम रहेगा। वहीं उसके बाद 25 जनवरी से मार्च तक विशेष अभियान चलेगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग भगवान राम के दर्शन कर सकें। गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी पिछले दिनों अपने मंत्रियों को सलाह दी थी कि वे अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों की अयोध्या जाने में मदद करें और इस पर किसी भी तरह की राजनीति से बचें। किसी के भी उकसावे वाले बयानों पर तीखा जवाब न दें बल्कि आस्था दिखाएं।