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हमने वचन निभाया, मंदिर वहीं बनाया… राम मंदिर को लेकर यूपी विधानसभा में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ।

We kept our promise, built temple on Ramjanmabhoomi; CM Yogi

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर हमला करते हुए बुधवार को सवाल किया कि सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्थलों अयोध्या, काशी और मथुरा का विकास आखिर किस मंशा से रोका गया था। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष पर तीखे शब्दबाण छोड़े। उन्होंने कहा, ‘‘गत 22 जनवरी को पूरे हिंदुस्तान और दुनिया के अंदर जहां कहीं भी हम देख रहे थे हर ओर से एक ही आवाज आ रही थी। यह अद्भुत क्षण था। भारत के गौरव की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ है लेकिन प्रसन्नता इस बात की भी थी कि हमने वचन निभाया और मंदिर वहीं बनाया।’’

योगी ने कहा कि महाभारत रचने वाले वेदव्यास की एक पीड़ा थी कि मैं बाहें उठाकर लोगों को समझा रहा हूं कि धर्म से ही अर्थ और काम की प्राप्ति होती है इसलिए क्यों नहीं धर्म के मार्ग पर चलते हो। ये केवल वेदव्यास की ही पीड़ा नहीं थी, 2014 के पहले पूरे देश की और 2017 के पहले पूरे प्रदेश की भी यही पीड़ा थी। 2017 के पहले उत्तर प्रदेश को जिन लोगों ने चार-चार बार प्रदेश में शासन किया, लंबे समय तक सत्ता पर विराजमान रहे उन्होंने यूपी के लोगों के सामने पहचान का संकट खड़ा कर दिया। यहां का नौजवान पहचान छिपाने के लिए मजबूर था। उसे यूपी से बाहर हेय दष्टि से देखा जाता था।

योगी ने कहा कि यहां तो नौकरी नहीं थी, यूपी से बाहर भी नहीं मिलती थी। किराये के कमरे तो दूर होटल और धर्मशालाओं में भी जगह नहीं मिलती थी। आज उत्तर प्रदेश में 22 जनवरी 2024 की घटना को भी देखा है। पूरा देश अभिभूत था। पूरी दुनिया के अंदर हर वह व्यक्ति जो न्याय का पक्षधर है, गौरवान्वित था। हर धर्मावलंबी की आंखों में आंसू थे।

जो कहा, करके दिखाया, मंदिर वहीं बनायाः सीएम योगी

योगी ने कहा कि अयोध्या को लेकर हर किसी के मन में संतोष था कि जो हुआ है अच्छा हुआ है। अविस्मरणीय क्षण था वो और हर व्यक्ति गौरव की अनुभूति कर रहा था। क्योंकि 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद सर्वानुमति के साथ उसके समाधान का रास्ता निकला और आज रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण न सिर्फ प्रशस्त हुआ बल्कि रामलला वहां स्थापित हुए। दुनिया के अंदर यह पहली घटना थी जहां प्रभु को अपने स्वयं के अस्तित्व के लिए स्वयं प्रमाण जुटाने पड़े थे लेकिन राम की मर्यादा हमें धैर्य की प्रेरणा देती है। हमें प्रसन्नता इस बात की थी, कि हमने वचन निभाया और मंदिर वहीं बनाया। केवल बोलते नहीं हैं। करते भी हैं। जो कहा करके दिखाया। संकल्प की सिद्धि की।

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