भोजपुरी स्टार व भाजपा नेता पवन सिंह बिहार के काराकाट से लोकसभा का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे। बुधवार को सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर पवन सिंह ने खुद यह जानकारी साझा की। आसनसोल से भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद चुनाव लड़ने से इनकार करने वाले पवन सिंह ने काराकाट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर सबको चौंका दिया है। उन्होंने हालांकि यह खुलासा नहीं किया कि वह निर्दलीय या फिर किसी राजनीतिक दल के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। माना जा रहा है कि पवन सिंह चुनाव लड़ने के लिए भाजपा की सदस्यता छोड़ सकते हैं।
दरअसल, भाजपा की ओर से दो मार्च को जारी उम्मीदवारों की पहली ही सूची में पवन सिंह को पश्चिम बंगाल के आसनसोल से उम्मीदवार बनाया गया था। लेकिन इसके अगले ही दिन टीएमसी द्वारा उनके गाने का एक वीडियो वायरल करने के बाद पवन सिंह ने आसनसोल से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उम्मीदवार बनाए जाने के बाद चुनाव लड़ने से इनकार किए जाने को भाजपा ने गंभीरता से लिया। बुधवार को भाजपा की ओर से जारी उम्मीदवारों की सूची में आसनसोल से एसएस अहलुवालिया को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गई। इसके कुछ ही देर बाद पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर काराकाट से चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा कर दी। मिली जानकारी के मुताबिक पवन सिंह बलिया से भी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने वहां से चंद्रशेखर के पुत्र व नीरज शेखर को उम्मीदवार बनाया है।
माता गुरुतरा भूमेरू॥
अपने ट्वीट में पवन सिंह ने कहा कि “माता गुरुतरा भूमेरू” अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती है। मैंने अपनी मां से वादा किया था कि मैं इस बार चुनाव लड़ूंगा। मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट, बिहार से लड़ूंगा। हालांकि, भोजपुर जिले के जोकहरी गांव (बड़हरा विधानसभा) के मूल निवासी पवन सिंह ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे निर्दलीय या किसी राजनीतिक दल के बैनर तले चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि काराकाट सीट एनडीए के घटक दल रालोमो को मिली है। रालोमो सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा खुद काराकाट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल भाकपा-माले के उम्मीदवार और पूर्व विधायक राजा राम सिंह काराकाट लोकसभा क्षेत्र से कुशवाहा को टक्कर दे रहे हैं। वहीं ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी इस सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
जातिय समीकरण॥
काराकाट लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक यादव जाति के मतदाता हैं। यहां यादव वोटर्स 3 लाख से अधिक हैं। वहीं कुशवाहा और कुर्मी जाति के मतदाता लगभग ढाई लाख हैं। यहां मुस्लिम वोटर्स करीब डेढ़ लाख हैं, जो कि हर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। साथ ही राजपूत मतदाता भी ढाई लाख के करीब हैं। वैश्य जाति के मतदाता भी लगभग 2 लाख हैं। ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या लगभग 75 हजार हैं। इसके अलावा भूमिहार जाति के 50 हजार के करीब मतदाता हैं। राजराम और उपेंद्र दोनों कुशवाहा जाति के हैं।