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चारधाम यात्रा में अब तक 52 श्रद्धालुओं की मौत, सबसे अधिक केदारनाथ में 23 श्रद्धालुओं की गई जान।

देहरादून। बीते सालों की अपेक्षा रिकॉर्डतोड़ श्रद्धालु पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित चारों धामों की यात्रा कर रहे हैं। अधिक भीड़ होने की वजह से व्यवस्था में भी कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। जिसे देखते हुवे उत्तराखंड सरकार की ओर से तीर्थयात्रियों से लगातार सुरक्षित यात्रा की अपील की जा रही है। हेल्थ चेकअप कराकर ही यात्रा करने का अनुरोध किया जा रहा है। दिल की बीमारी से ग्रसित लोगों को यात्रा से परहेज करने को कहा गया है। इसके बाद भी अपने रिस्क पर यात्रा करने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है।

यात्रा शुरू होने के महज 15 दिनों में ही मौत का आंकड़ा 52 पहुंच जाने के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। उत्तराखंड में 10 मई से शुरू हुई चार धाम यात्रा को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। चार धाम यात्रा में मौत का आंकड़ा 52 के पार पहुंच गया है। दरअसल, सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी मौतों के आंकड़ों पर लगाम नहीं लग पा रहा है। चार धाम में औसतन 3 से अधिक मौतें हो रही हैं। चार धाम यात्रा की शुरुआत 10 मई को केदारनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुई थी। इसके बाद से सभी धर्मों में रिकॉर्ड भीड़ उमड़ रही है।

शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा, ‘अब तक 52 चारधाम तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से ज्यादातर दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई हैं। उनमें से अधिकांश 60 वर्ष से ऊपर के थे।’

उन्होंने कहा, गंगोत्री में तीन, यमुनोत्री में 12, बद्रीनाथ में 14 और केदारनाथ में 23 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। बताया गया है कि 50 वर्ष से अधिक उम्र के श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी गई है। उन्होंने कहा कि हिमालयी मंदिरों के रास्ते में स्क्रीनिंग की जा रही है और तीर्थयात्रियों को सलाह दी जा रही है कि अगर वे मेडिकल तौर पर फिट नहीं पाए जाते हैं तो यात्रा न करें।

हालांकि, यदि वे फिर भी यात्रा जारी रखने की जिद करते हैं, तो उन्हें एक फॉर्म भरने के बाद आगे जाने की अनुमति दी जाती है।

उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और अब तक नौ लाख 67 हजार 302 श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं. पांडे ने कहा कि चारों धामों पर यात्रा सुचारु रूप से चल रही है.

एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक, बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर आए केरल के एक 63 वर्षीय श्रद्धालु की गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उसी दिन हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए पंजाब के लुधियाना निवासी जसविंद्र सिंह (60) का भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।

रिपोर्ट के अनुसार, केदारनाथ में बीते 10 वर्ष में 350 यात्रियों की मौत हो चुकी है, जिसका प्रमुख कारण सीने में दर्द, बेचैनी और दिल का दौरा पड़ना रहा है।

बता दें कि चारधाम में भारी भीड़ से अराजकता के बीच केंद्र सरकार ने प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ, आईटीबीपी को भेजने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने बताया था कि चारधाम यात्रा के लिए 22 मई तक कुल 31,18,926 लोगों ने पंजीकरण किया था। भारी भीड़ को देखते हुए चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर 31 मई तक रोक लगा दी गई है।

इसके साथ ही केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को चारधाम मंदिरों, यात्रा मार्गों और पड़ाव स्थलों पर तीर्थयात्रियों की दैनिक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजने का निर्देश दिया है।

गौरतलब हैं कि इस महीने की शुरुआत में बद्रीनाथ में पुजारियों और स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन द्वारा चारधाम यात्रा के कथित कुप्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। तीर्थयात्रियों की भीड़ ने चार धाम की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के समक्ष अलग स्थिति उत्पन्न कर दी है।

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