Gujarat

राजकोट के गेम जोन में लगी भीषण आग, 12 बच्चों समेत 27 लोगों की मौत, फायर विभाग की ओर से नही मिला था NOC.

27, including children, killed in massive fire at game zone in Gujarat's Rajkot.

अहमदाबाद। गुजरात के राजकोट शहर में शनिवार शाम को नाना मोवा रोड पर स्थित टीआरपी गेमिंग जोन में भीषण आग लग गई। इस दुःखद हादसे में अब तक 12 बच्चों सहित कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई है। आशंका है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती हैं। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतकों के परिवार के लिए 4 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। इसके साथ ही हादसे में घायल होने वाले लोगों को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। घटना स्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है। दमकलकर्मी मलबे में भी लोगों को ढूंढ़ रहे हैं। कई लोगों को सुरक्षित बाहर भी निकाला गया है।

टीआरपी गेम जोन में भीषण आग लगने से पूरा गेम जोन जलकर खाक हो गया है। दमकल विभाग ने कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अग्निकांड में जान गंवाने वाले बच्चों की पहचान मुश्किल है। ऐसे डीएनए टेस्ट के बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे। वहीं इस भीषण अग्निकांड पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, पीएम मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत सभी राजनीतिक हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजकोट गेमजोन में अग्निकांड की घटना पर शोक व्यक्त करते हुवे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि राजकोट में आग लगने की घटना से बेहद व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। घायलों के लिए प्रार्थना. स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहा है।

गेमिंग जोन का मालिक युवराज सिंह सोलंकी और मैनेजर नितिन जैन॥

गेम जोन में हुवे भीषण अग्निकांड मामले में कलेक्टर ने कहा कि आग इलेक्ट्रिक कारणों से लगी थी। हालांकि मुख्य वजह अभी तक सामने नहीं आ सकी है। इस गेमिंग जोन को फायर विभाग की ओर से NOC नहीं मिला था। इसके बारे में ज्यादा जानकारी फिर विभाग की ओर से ही मिल पाएगी।

गर्मियों की छुट्‌टी के चलते गेमजोन में बड़ी संख्या में बच्चे मौजूद थे। आग लगने के वक्त अंदर कितने लोग थे, इसकी सटीक जानकारी शाम साढ़े आठ बजे तक नहीं मिल पाई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक गेमजोन में एसी कंप्रेसर फटने के बाद आग लगी। अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। शाम करीब 4 से 4.30 बजे के बीच लगी आग पर तीन घंटे के भीतर काबू पा लिया गया, लेकिन मलबे को हटाने और यह पता लगाने के लिए बचाव अभियान जारी रहा कि गेम जोन में कोई फंसा तो नहीं है।

राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने कहा कि जो बच्चे फिलहाल लापता हैं, उन्हें ढूंढने और मृतकों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

राजकोट नगर आयुक्त आनंद पटेल ने कहा कि गेमज़ोन के मालिक ने इसका प्रबंधन किसी और को दे दिया था, जिसकी पहचान युवराज जडेजा के रूप में की गई है। हालांकि, इस गेमजोन को चलाने वाला शख्स कौन है इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। इसके अलावा गेमजोन के मालिक का भी कोई पता नहीं है। एक सवाल यह भी है कि क्या इस गेमज़ोन में उचित अग्नि सुरक्षा व्यवस्था थी। एक समाचार चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, गेमज़ोन में अग्नि सुरक्षा प्रणाली चालू नहीं थी। इतना ही नहीं कई अग्नि सुरक्षा उपकरण सही स्थित में नहीं थे।

टीआरपी गेम ज़ोन के प्रबंधन के अनुसार यह सौराष्ट्र का सबसे बड़ा गेम जोन था। यहां पर 20 से अधिक खेलों की सुविधा थी। टीआरपी गेम ज़ोन में आग लगने के बाद राजकोट के सभी गेम ज़ोन बंद कर दिए गए, जबकि सूरत पुलिस कमिश्नर ने यह जांचने का आदेश दिया कि शहर में चल रहे गेम ज़ोन में सार्वजनिक सुरक्षा नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं।

2000 लीटर डीजल, 1500 लीटर पेट्रोल था स्टोर॥

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार टीआरपी गेम जोन में 1500 से 2000 लीटर डीजल जनरेटर के लिए, गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल जमा था। जिसकी वज़ह से आग इतनी फैली और पूरा स्ट्रक्चर जल कर खाक हो गया। गेम जोन से बाहर निकलने और प्रवेश के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था। बताया जा रहा हैं आज एंट्री के लिए 99 रुपये की स्कीम थी जिसकी वज़ह से बड़ी संख्या में लोग हादसे के वक्त गेम जोन में मौजूद थे।

मालिक, मैनेजर समेत तीन गिरफ्तार॥

राजकोट गेम जोन के संचालक, मालिक समेत 3 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वरिष्ठ IPS अधिकारी सुभाष त्रिवेदी की अगुवाई में 5 अधिकारियों की SIT जांच करेगी। सामने आया है कि इस गेमिंग जोन का मालिक युवराज सिंह सोलंकी है और नितिन जैन मैनेजर है। इन दोनों के अलावा पुलिस ने एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

बता दें कि 24 जून, 2019 को सूरत में तक्षशिला की घटना, जिसमें ट्यूशन क्लास में पढ़ने वाले 22 बच्चे मारे गए थे, इस घटना को कल ही पांच साल पूरे हुए हैं, जबकि राजकोट की घटना ने सार्वजनिक सुरक्षा और अग्नि सुरक्षा मानदंडों की सीमा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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