Jammu and Kashmir

जम्मू में पुलिस स्टेशन पर हमला करने के आरोप में 3 ले.कर्नल समेत 16 सैन्यकर्मियों पर हत्या की कोशिश का केस दर्ज।

Police-Army Personnel Clash: 3 Lieutenant Colonels Among 16 Booked In J&K's Kupwara.

जम्मू-कश्मीर में 3 लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 16 सैन्यकर्मियों के खिलाफ हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया गया है। इन सभी सैन्यकर्मियों पर कुपवाड़ा जिले के कुपवाड़ा पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मियों पर हमला करने का आरोप है। पुलिस ने अधिकारियों समेत सेना के 16 जवानों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। घटना मंगलवार 28 मई की रात को हुई थी।

बताया जा रहा है कि मंगलवार को पुलिस ने एक ड्रग केस में कुपवाड़ा के बटपोरा गांव में टेरिटोरियल आर्मी के एक जवान के घर पर छापेमारी की थी। इस बात से सेना के अधिकारी नाराज हो गए। बड़ी संख्या में वर्दीधारी और हथियारों से लैस जवान पुलिस स्टेशन में दाखिल हो गए। उनके साथ सीनियर सैन्य अधिकारी भी थे।

पुलिस FIR के मुताबिक, रात करीब 9:40 बजे सैनिकों ने पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया और जमकर हंगामा और मारपीट की। सेना के तीन अधिकारियों का नाम भी FIR में शामिल है। साथ ही कहा गया है कि तीन अधिकारियों के नेतृत्व में 160 प्रादेशिक सेना के सशस्त्र और वर्दीधारी जवान अनाधिकृत रूप से पुलिस स्टेशन में घुस गए. सैनिकों ने, “बिना किसी उकसावे के, पुलिस स्टेशन में मौजूद कर्मचारियों और अधिकारियों पर राइफल बट, लात और डंडों से गंभीर रूप से हमला शुरू कर दिया।

FIR के मुताबिक, आर्मी के ग्रुप की अगुआई लेफ्टिनेंट कर्नल अंकित सूद, राजीव चौहान और निखिल कर रहे थे। ये तीनों अधिकारी जबरन पुलिस स्टेशन में दाखिल हुए और राइफल की बट, छड़ियों और लातों से वहां मौजूद पुलिस कर्मचारियों पर हमला कर दिया।

FIR में लिखा गया है कि सेना के जवानों ने अपने हथियार लहराए, घायल पुलिस वालों के मोबाइल फोन छीन लिए और एक पुलिस वाले का अपहरण करके मौके से फरार हो गए। सीनियर पुलिस वालों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिसकर्मी को सेना की गिरफ्त से छुड़ाया और हमला करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की।

यह FIR IPC के सेक्शन 186 (पब्लिक सर्वेंट की ड्यूटी में बाधा डालना), 332 (ड्यूटी करने से रोकने के लिए पब्लिक सर्वेंट को चोट पहुंचाना), 307 (मर्डर की कोशिश), 342 (बंधक बनाना), 147 (दंगा करना) के तहत दर्ज की गई है।

आरोपियों पर सेक्शन 149 (गैरकानूनी तरीके से जमा हुई भीड़ के सभी लोग गलत काम करने के दोषी), 392 (चोरी करने की सजा), 397 (जान से मारने या गंभीर रूप से चोट पहुंचाने की कोशिश के साथ चोरी या डकैती करना) और 365 (किसी व्यक्ति को बंधक बनाने के उद्देश्य से उसका अपहरण करना) के तहत भी चार्ज लगाया गया है। इसके अलावा उन पर आर्म्स एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया है। हालांकि सेना ने पुलिस पर हमला करने से इनकार करते हुए इसे “मामूली मतभेद” की घटना बताया है।

डिफेंस प्रवक्ता बोले, मारपीट की खबर गलत॥

श्रीनगर के डिफेंस प्रवक्ता ने कहा, पुलिस और सेना के जवानों के बीच झगड़ा और मारपीट की खबरें गलत हैं। एक ऑपरेशनल मैटर पर पुलिस कर्मियों और एक क्षेत्रीय सेना इकाई के बीच मामूली मतभेदों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है। पुलिसकर्मियों और टेरिटोरियल आर्मी यूनिट के बीच ऑपरेशन मुद्दे को लेकर छिटपुट विवाद हुआ था, जिसे दोनों पक्षों ने शांति से सुलझा लिया।

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