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हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा।

Hathras stampede- Main accused Devprakash Madhukar sent to 14-day jail

हाथरस। हाथरस भगदड़ कांड का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को शुक्रवार देर रात दिल्ली में नजफगढ़ से गिरफ्तार किया गया था। शनिवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

जानकारी के मुताबिक देव प्रकाश मधुकर पर पुलिस ने एक लाख रुपये का ईनाम घोषित किया था। उसका मेडिकल कराकर कोर्ट में पेश किया गया था। अब 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। उससे गहनता से पूछताछ की जाएगी।

बता दें कि, हाथरस में 2 जुलाई को भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब हाथरस पुलिस सोमवार या मंगलवार को मधुकर की पुलिस रिमांड के लिए कोर्ट में एप्लीकेशन लगाएगी। शुक्रवार यानी बीती रात हाथरस पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने दिल्ली के नजफगढ़ इलाके से मधुकर को गिरफ्तार किया था।

हाथरस के एसपी निपुन अग्रवाल ने बताया कि हाथरस घटना का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार किया गया था। इस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस ने आरोपी मधुकर का मेडिकल कराया है और फिर कोर्ट में पेशी कराई। एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि हाथरस की SOG ने मधुकर को कल देर शाम दिल्ली के नजफगढ़ से गिरफ्तार किया था। पूछताछ की गई है, इनकी फंडिंग अभी जांच के दायरे में है। फंडिंग कहां से आ रही है, डोनर की लिस्ट जुटाई जा रही है।

हाथरस एसपी ने बताया था कि मामले में दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि फंड इकट्ठा करने के संबंध में गहनता से जांच की जा रही है कि कहीं किसी तरह के कार्यक्रम में इनके संसाधन किसी राजनीतिक पार्टी से पोषित तो नहीं किए जा रहे हैं। अब तक की पूछताछ से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोई राजनीतिक दल अपने राजनीतिक और निजी स्वार्थ के लिए इनसे जुड़ रहा है।

आरोपी के वकील एपी सिंह ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने दिल्ली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। वकील एसपी सिंह ने एक वीडियो में दावा किया, “हाथरस मामले में एफआईआर में मुख्य आयोजक कहे जाने वाले देवप्रकाश मधुकर ने सरेंडर कर दिया है। हमने यूपी पुलिस, एसआईटी और एसटीएफ को दिल्ली बुलाया, क्योंकि यहां उनका इलाज चल रहा था। हमने वादा किया था कि हम अग्रिम जमानत के लिए आवेदन नहीं करेंगे, क्योंकि हमने कुछ गलत नहीं किया है। हमारा अपराध क्या है? वो एक इंजीनियर और हृदय रोगी हैं।”

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