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वाराणसी- कृषि कानूनों की वापसी से किसानों में खुशी की लहर, सपा ने कहा- घबराई है भाजपा, कांग्रेस ने दीप जलाने का किया आह्वान।

Repeal of farm laws- Wave of happiness sweeps in Varanasi.

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 3 नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर किसानों को बड़ी सौगात दी है। कृषि सुधार कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले से किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है। इसे लेकर उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विपक्षी दलों और किसानों की अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिली।

कांग्रेस पार्टी ने देव दीपावली को देखते हुए काशीवासियों से एक दीया किसानों के समर्थन में जलाने का आह्वान किया है। समाजवादी पार्टी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी आगामी चुनावों को देखते हुए डर गई है। वहीं, जिले के ग्रामीण इलाकों में किसानों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर इस निर्णय को अपनी जीत बताया।

रोहनिया क्षेत्र के बैरवन में किसान नेता विनय शंकर राय मुन्ना के साथ मौजूद किसानों ने कहा कि यह भारतीय किसान और उनके संघर्ष का परिणाम है। देश के किसानों की एकता जिंदाबाद थी और रहेगी। सरकार ने काले कानूनों को वापस ले लिया है। किसानों को खाद-बीज को किल्लत न हो और उनकी उपज का उन्हें सही दाम मिले। किसानों को लेकर कोई राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप न हो। किसानों को कोई गलत बात न कहे। हम सब एक-दूसरे को मिठाई इसीलिए खिला रहे हैं क्योंकि आज वास्तविक मायनों में किसानों की सच्चाई की जीत हुई है।

वही, पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि जिस तरह स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेजों के सामने इन लोगों ने घुटने टेके थे। ठीक उसी तरह अब किसानों के संघर्ष और उनकी अडिगता के आगे घुटने टेके हैं। किसानों के त्याग, समर्पण, संघर्ष, शहादत, अडिगता, निर्भीकता के आगे नरेंद्र मोदी को झुकना पड़ा है। निश्चित रूप से संघर्ष से बड़ा जीवन में कुछ नही होता है और किसानों का संघर्ष रंग लाया है। यह जीत किसानों की जीत है, न्याय की जीत है, संघर्ष की जीत है। मैं सभी किसानों को बधाई देता हूं कि आप सबने मिलकर देश के अध्याय में एक नए इंकलाब को लिखा।

अजय राय ने कहा कि तानाशाह पूंजीपतियों की सरकार को झुकना पड़ा है। आज सत्य फिर जीत गया। हमें गर्व है इस बात का है कि हमारी कांग्रेस पार्टी ने यह जंग किसानों के साथ पूरी ईमानदारी से लड़ी। काशीवासियों से यही अनुरोध है कि आज देव दीपावली पर वह एक दीया किसानों के समर्थन में जलाएं और उनकी शहादत व संघर्ष को सलाम करें।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि सत्य हमेशा जीता है, झूठ हारता है, यह आज चरितार्थ हुआ, सत्यमेव जयते…! जो लोग किसानों को आंदोलनजीवी, नकली किसान और खालिस्तानी कह रहे थे उन्हें माफी मांगनी चाहिए। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की रैली में जगह-जगह उमड़ रही भीड़ को देख कर भाजपा घबरा गई। भाजपा को लगा कि पश्चिम के साथ ही पूर्वांचल में भी किसान उससे नाराज हैं। 14 माह बाद सरकार किसानों के सामने झुकी है।

आंदोलन के दौरान किसानों को तरह-तरह से प्रताड़ित किया गया। भाजपा की आईटी सेल ने तरह-तरह के आरोप लगाए। इन 14 माह में करीब 700 किसानों की मौत हुई है, सरकार उन सभी के परिजनों को मुआवजा दे।

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