नई दिल्ली। गुजरात में वंदे भारत ट्रेन के मवेशियों से टकराने के मद्देनजर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने महाराष्ट्र के पालघर में रेल मार्ग से लगे गांवों के सरपंचों को नोटिस जारी करना शुरू किया है, जिसमें उनसे पटरी के पास आवारा पशुओं को नहीं जाने देने को कहा गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि किसी मवेशी का मालिक लापरवाही बरतता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर को गुजरात और महाराष्ट्र की राजधानियों के बीच सेमी-हाई स्पीड एक्सप्रेस ट्रेन सेवा की शुरूआत की थी। इसकी शुरूआत के बाद से गुजरात में ऐसी तीन घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें ट्रेन मवेशियों से टकराई है। पश्चिमी रेलवे के मुख्य प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने पीटीआई-को बताया कि नोटिस आरपीएफ के मुंबई डिवीजन द्वारा ग्राम सरपंचों को जारी किये जा रहे हैं, जिनमें अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों से अपने मवेशियों को पटरी के आसपास नहीं जाने देने की अपील की है, ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं को टाला जा सके। ठाकुर ने कहा कि सरपंचों को जारी किये गये नोटिस निवारक प्रकृति के हैं।
गौरतलब है कि पिछले शनिवार को गुजरात के अतुल स्टेशन के पास मुंबई-गांधीनगर वंदे भारत सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में कुछ मवेशी आ गये थे। यह ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद से इस तरह की यह तीसरी घटना थी। इससे पहले, छह और सात अक्टूबर को भी ट्रेन की चपेट में कुछ मवेशी आ गये थे। ये दोनों घटनाएं गुजरात में हुई थी। इन सभी घटनाओं में, यात्रिओं को कोई चोट नहीं आई थी। हालांकि, ट्रेन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था।
ठाकुर ने कहा, ‘‘इस तरह की घटनाओं ने रेल परिचालन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। इस तरह की घटनाओं ने रेल दुर्घटनाओं और ट्रेन के पटरी से उतरने की आशंका को बढ़ाया है। इससे न सिर्फ रेल यातायात में व्यवधान पड़ता है और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचता है बल्कि यात्रियों को भी खतरा पैदा होता है।’’ सरपंचों को जारी नोटिस में आरपीएफ ने कहा है कि काफी संख्या में आवारा पशु (गाय और भैंस) रेल पटरी पर आ जाते हैं और इस कारण सदा ही बड़ी दुर्घटनाएं होने की आशंका रहती है। ठाकुर ने कहा, ‘‘आरपीएफ ने जोखिम ग्रस्त स्थानों पर इस साल अब तक 1,023 जागरूकता अभियान चलाये हैं।