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IT कंपनियों में छंटनी का दौर जारी, Accenture ने 19000 कर्मचारियों को निकालने का किया ऐलान।

Accenture to lay off 19,000 employees, trims forecasts.

दुनिया भर की टेक कंपनियों में छंटनी का दौर जारी है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर और अमेजन के बाद अब एक और बड़ी कंपनी एसेंचर (Accenture) ने करीब 19,000 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाने का ऐलान कर दिया है। इस तरह बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों का लोगों को नौकरी से निकालना और अमेरिकन बैंकों का डूबना बड़े वैश्विक आर्थिक संकट के संकेत दे रहा है। ग्लोबल लेवल पर 503 टेक कंपनियों ने साल 2023 में कुल 1.48 लाख लोगों की छंटनी की है। वहीं साल 2022 की बात करें तो कुल 1.6 लाख लोगों की टेक कंपनियों ने छंटनी की थी।

मुनाफे में कमी॥

एसेंचर ने गुरुवार को कहा कि वह अपने वर्कफोर्स में 2.5 प्रतिशत की कमी लाएगी। ये संख्या करीब 19,000 के आसपास होती है। एसेंचर का कहना है कि जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाएगा, उनके लिए अलग से 1.2 अरब डॉलर की राशि निकाल कर रख ली गई है। कंपनी के सीईओ का कहना है कि एसेंचर साल 2024 में अपनी लागत घटाने के और तरीकों पर ध्यान दे रही है। हाल में कंपनी ने अपने तीसरी तिमाही के वित्तीय आंकड़े जारी किए हैं। इसमें अनुमान जताया गया है कि उसके सालाना रिवेन्यू और प्रॉफिट में कमी आ सकती है।

मंदी की आशंका के बीच कंपनी ने खर्च घटाने पर दिया जोर॥

माना जा रहा है मंदी से आशंका से परेशान उद्यमों को देखते हुए और प्रौद्योगिकी बजट में कटौती की चिंताओं के बीच कंपनी ने गुरुवार को अपनी वार्षिक राजस्व वृद्धि और लाभ पूर्वानुमानों को भी कम कर दिया है। कंपनी के ताजा अनुमानों के अनुसार स्थानीय मुद्रा में उसकी वार्षिक राजस्व वृद्धि 8% से 10% तक रह सकती है। पहले कंपनी ने 8% से 11% की राजस्व वृद्धि का अनुमाना लगाया था।

शेयर में आया चार प्रतिशत का उछाल॥

कंपनी ने बताया है कि उसकी ओर से की जा रही छंटनी में आधे से अधिक गैर-बिल योग्य कॉर्पोरेट कर्मचारी प्रभावित होंगे। कंपनी में छंटनी की खबर सार्वजनिक होने के बाद शेयर बाजार में कंपनी के शेयरों में चार प्रतिशत का उछाल दिखा।

आपको बता दें कि हाल ही में ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने दूसरे चरण में 9000 लोगों की छंटनी का ऐलान किया है।पहले चरण में अमेजन ने 18000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। इसके अलावा मेटा प्लेटफॉर्म, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों ने भी बड़े पैमाने पर छंटनी की है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में दिग्गज कंपनियों में हुई ताबड़तोड़ छंटनी के कारण भारत में कम से कम 36 हजार लोग बेरोजगार हुए हैं।

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