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भारतीय मूल के अर्थशास्त्री थर्मन शनमुगरत्नम बने सिंगापुर के राष्ट्रपति, 9वें प्रेसिडेंट के रूप में ली शपथ।

Indian-origin Tharman Shanmugaratnam sworn in as Singapore President.

सिंगापुर में जन्मे भारतीय मूल के अर्थशास्त्री थर्मन शनमुगरत्नम ने गुरुवार को सिंगारपुर के 9वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। 66 साल के थर्मन 6 साल तक इस पद पर काबिज रहेंगे। वह सिंगापुर की पहली महिला राष्ट्रपति हलीमा याकूब की जगह लेंगे. हलीमा का कार्यकाल 13 सितंबर को समाप्त हो गया था।

थर्मन ने अपने पूरे जीवन में सिंगापुर में सार्वजनिक सेवा की है, उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में चीनी समाज की ओर से भी भारी समर्थन मिला है। उन्होंने 2019 और 2023 के बीच एक वरिष्ठ मंत्री के रूप में कार्य किया था। वह 2015 और 2023 के बीच सामाजिक नीतियों के लिए समन्वय मंत्री के पद पर रहे. जबकि 2011 से 2023 के बीच सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने कार्यभार संभाला। थर्मन ने मई 2011 से मई 2019 तक सिंगापुर के डिप्टी पीएम के रूप में भी कार्य किया। सिंगापुर में अब तक भारतीय मूल के 2 राष्ट्रपति रहे हैं।

66 साल के शनमुगरत्नम एक सितंबर को राष्ट्रपति का चुनाव जीते थे। सिंगापुर में 2.48 मिलियन (20 लाख से अधिक) वोट पड़े थे। इसमें से 70.4 फीसदी यानी 17 लाख 46 हजार 427 वोट शनमुगरत्नम को मिले थे। उन्होंने चीनी मूल के कोक सॉन्ग और टैन किन लियान को हराया था। कोक को 15.2 फीसदी और टैन को 13.88 फीसदी वोट मिले थे।

बता दें कि सिंगापुर के राजनेता और तमिल मूल के सिविल सेवक सेल्लापन रामनाथन को एसआर नाथन के नाम से जाना जाता है, वह सिंगापुर के राष्ट्रपति रह चुके हैं। 2009 में नाथन ने बेंजामिन शियर्स को हराया था। लिहाजा वह सिंगापुर के सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति रहने वाले राष्ट्रपति बने।

उनके अलावा चेंगारा वीटिल देवन नायर, जिन्हें देवन नायर के नाम से जाना जाता है, उन्होंने 1981 से 1985 तक सिंगापुर के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला। साल 1923 में मलक्का, मलेशिया में जन्मे देवन नायर रबर बागान क्लर्क के बेटे थे, जो मूल रूप से केरल के थालास्सेरी के रहने वाले थे।

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